Congress Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की महत्वकांक्षी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) समापन की ओर बढ़ रही है। इधर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करने की तैयारी में हैं, जो समानता, न्याय और समृद्धि के इर्द-गिर्द बुने राजनीतिक एजेंडे के साथ देश में निराशा की भावना को समाप्त करेगा। भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में खत्म होगी।
राहुल गांधी की सोच को जनता तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत करने जा रही है। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान (Haath Se Haath Jodo Abhiyaan) 26 मार्च तक चलेगी।
इस नई योजना के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी नफरत, बेरोजगारी, मंहगाई और आम जनता से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर चिट्ठी लिखी है। उनका संदेश 26 जनवरी से कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर पहुंचाया जाएगा। पत्र में राहुल ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वसनीय विकल्प के रूप में पेश किया है। राहुग गांधी के संदेश को भारत के छह लाख गांवों में 10 लाख बूथ तक पहुंचाने का प्लान है।
पत्र में क्या लिखा है?
राहुल गांधी के पत्र की शुरुआत ‘आपका अपना राहुल‘ से होती है। राहुल ने पत्र में लिखा है, “मैं समझता हूं कि मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा एक है – बेजुबानों को आवाज देना, कमजोरों का हथियार बनना, भारत को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाना, नफरत से प्यार की ओर ले जाना, पीड़ा से समृद्धि की ओर ले जाना।” पत्र में लिखा गया है, “मैं उन लोगों के दृष्टिकोण और मूल्यों को आगे बढ़ाऊंगा जिन्होंने हमें हमारा असाधारण संविधान दिया है।”
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी ने पत्र में लिखा है, ”यह मेरे जीवन की सबसे समृद्ध यात्रा थी। मैं उस प्यार और स्नेह से अभिभूत हूं जो हर भारतीय ने हम पर बरसाया है। मैंने रास्ते में आपकी सभी कहानियाँ ध्यान से सुनीं।”
पत्र में चुनौतियों का वर्णन करते हुए राहुल ने लिखा है, “देश में एक स्पष्ट आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। युवाओं में बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, गंभीर कृषि संकट है। लोग अपनी नौकरी खोने को लेकर चिंतित हैं। लोगों की आय कम हो रही है। बेहतर भविष्य के उनके सपने बिखर रहे हैं। देश भर में निराशा की गहरी भावना है।”
‘आज हमारी बहुलता खतरे में है’
पत्र में लिखा, “आज हमारी बहुलता खतरे में है। विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता को हमारे खिलाफ करने की कोशिश कर रही हैं। विभिन्न धर्मों, समुदायों, क्षेत्रों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। ये ताकतें जो संख्या में मुट्ठी भर हैं, जानती हैं कि जब लोग असुरक्षित और डरा हुआ महसूस करेंगे हैं तभी वे एक-दूसरे के लिए नफरत के बीज बो सकेंगे। लेकिन इस यात्रा के बाद मुझे विश्वास हो गया है कि इस शातिर एजेंडे की अपनी सीमाएं हैं और यह अब और नहीं चल सकता।”
पत्र के आखिरी पैराग्राफ में राहुल ने कांग्रेस के लिए समर्थन मांगा। उन्होंने लिखा है, ”कांग्रेस परिवार 137 वर्षों से अथक परिश्रम कर रहा है, पहले आजाद कराने के लिए, फिर एकजुट करने के लिए और फिर इस देश के निर्माण के लिए। हम हमेशा मुश्किल समय में देश को साथ लेकर आए हैं। आज फिर हमारा देश खुद को संकट की स्थिति में पा रहा है।”