चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (Yeshwant Vishnu Chandrachud) भी भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। जुलाई 1920 में पूना (अब पुणे) में जन्में जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ (Former CJI YV Chandrachud) जब बहुत कम उम्र के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था। बाद में उनके चाचा के परिवार ने ही उनका पालन पोषण किया था।

कम उम्र थी तभी मां का हो गया था निधन

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के बेटे और वाईवी चंद्रचूड़ के पोते अभिनव चंद्रचूड़ (Abhinav Chandrachud) अपने दादा को याद करते हुए कहते हैं ‘अज्जू (दादा) ने बहुत कम उम्र में अपनी मां को खो दिया था, लेकिन पूना में चचेरे भाइयों ने उन्हें कभी मां की कमी महसूस नहीं होने नहीं दी। हमारा संयुक्त परिवार था। सब साथ रहा करते थे। साल 2020 में पूर्व सीजेआई जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ की जन्मशती के मौके पर इंडियन लॉ सोसायटी और आईएस लॉ कॉलेज, पुणे द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा था कि वो (जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़) मेरे लिए दादा से कहीं ज्यादा पिता की तरह थे।

एक दिन में ही पढ़ाई छोड़ लौट आए थे जस्टिस चंद्रचूड़

अभिनव चंद्रचूड़ अपने दादा (Former CJI YV Chandrachud) से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा करते हुए बताते हैं कि परदादी के निधन के बाद चाचा ने ही अज्जू का पालन पोषण किया और बाद में उन्होंने ही उन्हें पढ़ाई के लिए बॉम्बे (अब मुंबई) भेजा लेकिन पहली ही रात वह वापस पूना लौट आए। क्योंकि उन्हें मुंबई का चाल-ढाल और खानपान पसंद नहीं आया। अभिनव बताते हैं कि बाद में मेरे चचेरे भाइयों ने उन्हें कई दिन तक घर में छुपा कर रखा था। ताकि चाचा को पता ना लगे कि वह पढ़ाई छोड़ वापस लौट आए।

अमेरिका जाकर भी नहीं भूले थे अपनी जड़

बॉम्बे हाईकोर्ट में एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ (Abhinav Chandrachud) कहते हैं कि जस्टिस चंद्रचूड़ मेरे लिए न तो माननीय न्यायाधीश थे और न ही पूर्व सीजेआई… वो हमारे दादा थे, जिनकी गोद में हम अक्सर बैठकर खेला करते थे। दादा से कहीं ज्यादा पिता की तरह मानते थे। अभिनव बताते हैं कि मैं उनके साथ अमेरिका गया था। वहां मैंने देखा कि वह अपनी जड़ें नहीं भूले हैं। वहां भी उनका वही रूटीन था, जैसा भारत में था। संगीत में उनकी गहरी दिलचस्पी थी। बाद में उन्होंने संगीत पर आधारित छोटे-छोटे दोहे तैयार किये, जो बॉम्बे सॉलिसिटर फर्म को दिखाया गया था।

संजय गांधी को जेल भेज आए थे चर्चा में

आपको बता दें कि जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। जस्टिस चंद्रचूड़ जब सीजेआई बने, उस वक्त देश में जनता पार्टी की सरकार थी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने बहुचर्चित ‘किस्सा कुर्सी का’ केस में संजय गांधी को जेल भेजा था। बाद में जब दोबारा इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की सरकार बनी तो जस्टिस चंद्रचूड़ की न्यायपालिका की स्वतंत्रता के मसले पर सरकार से ठन गई थी।