चुनावों के दौरान काले धन का इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ जाता है। पीएम मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि हमारे देश में लंबे अर्से से चर्चा चली है कि चुनावों में कालेधन का बहुत बड़ा खतरनाक खेल हो रहा है। देश के चुनावों को कालेधन से मुक्ति मिलनी चाहिए। वहीं, दूसरी ओर ईडी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी के अभियान के लिए फंड मैनेज करने वाले चनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। इन सबके बीच लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से पहले ही EC ने अवैध 4,650 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।

जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के अब तक 75 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा अवैध पैसे जब्त किए हैं। ईसी ने 15 अप्रैल को कहा कि उसने पिछले 75 सालों में चुनाव के दौरान सबसे बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं और नकदी जब्त किए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से पहले ही एजेंसी ने 4,650 करोड़ रुपये जब्त कर लिए हैं जो कि 2019 के चुनावों में बरामद की गई राशि से अधिक है। चुनाव शुरू होने से पहले ही ECI द्वारा की गयी यह जब्ती 2019 के मुक़ाबले 34% अधिक है। 2019 के आम चुनावों के दौरान, चुनाव आयोग द्वारा 3,475 करोड़ की जब्ती की गई थी।

जब्त किए गए 4,650 करोड़ रुपये में 2,069 करोड़ की ड्रग्स

आयोग ने एक बयान में कहा कि जब्त किए गए 4,650 करोड़ रुपये में 2,069 करोड़ की ड्रग्स, 395 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 489 करोड़ रुपये से अधिक की शराब शामिल है। 1 मार्च से चुनाव आयोग हर दिन 100 करोड़ रुपये का सामान जब्त कर रहा था। इसमें से 44% जब्ती ड्रग्स और नशीले पदार्थों की है, जिन पर आयोग का विशेष ध्यान है।

ड्रग्स के अलावा सबसे ज्यादा जब्तियां मुफ्त की रेवड़ियों की रही, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक आइटम से लेकर घरेलू सामान शामिल हैं। इस साल 1143 करोड़ की फ्रीबीज जब्त की गईं जो साल 2019 में जब्त की गईं 60 करोड़ की रेवड़ियों के मुक़ाबले 1799% ज्यादा है। हालांकि, जब्ती में कैश और कीमती धातुओं की बरामदगी कम हुई वहीं, शराब की जब्ती पिछले चुनाव के मुक़ाबले ज्यादा है। राज्यवार बात करें तो राजस्थान में सबसे ज्यादा 778.53 करोड़ की जब्ती की गयी, दूसरे स्थान पर गुजरात रहा जहां 605.34 करोड़ की जब्ती की गयी।

दिल्ली से 236.07 करोड़ की जब्ती

देश की राजधानी दिल्ली से 236.07 करोड़ की जब्ती की गयी। देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश से चुनाव आयोग ने 145.77 करोड़ की जब्ती की। आंकड़ों पर ध्यान दें तो टॉप 10 राज्य जहां सबसे ज्यादा जब्ती की गयी उनमें 5 राज्य भाजपा शासित हैं। टॉप 10 जब्ती वाले राज्यों में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार हैं।

देखिये सबसे अधिक जब्ती वाले राज्यों की लिस्ट-

राज्य जब्ती (करोड़)
राजस्थान 778.53
गुजरात 605.34
तमिल नाडु 460.85
महाराष्ट्र 431.35
पंजाब 311.84
कर्नाटक 281.43
दिल्ली 236.07
पश्चिम बंगाल 219.60
बिहार 155.77
उत्तर प्रदेश 145.77

2019 के लोकसभा चुनावों में की गई जब्ती की तुलना में इस बार सभी श्रेणियों में अधिक जब्ती हुई। पिछले चुनाव के मुक़ाबले कैश में 114% की वृद्धि देखी गई, जबकि शराब और कीमती धातु की जब्ती में क्रमशः 61% और 43% की वृद्धि हुई। मूल्य के हिसाब से सबसे अधिक वृद्धि नशीली दवाओं की जब्ती में हुई, जो इस बार 62% अधिक हुई।

चुनाव आयोग द्वारा की गयी जब्ती का मूल्य देखिये-

साल कैश (करोड़)शराब (करोड़)ड्रग्स (करोड़)महंगी धातु (करोड़)मुफ्त की रेवड़ियां (करोड़)कुल (करोड़)
2019 844 304.61279.9987.160.23475.8
2024 395.4489.32068.8562.1 1142.54658.1

चुनाव में काले धन का बढ़ता इस्तेमाल

चुनाव आयोग ने कहा कि काले धन का इस्तेमाल और पॉलिटिकल फंडिंग अधिक साधन संपन्न पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ सकता है। यह जब्ती लोकसभा चुनाव को प्रलोभन और कदाचार से मुक्त कराने और समान अवसर सुनिश्चित करने के उसके संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। चुनाव आयोग के सूत्रों ने यह भी कहा कि हेलीकॉप्टरों की जांच या तलाशी जैसे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी के मामले में, प्रलोभन-मुक्त चुनाव कराने के मानक निर्देशों का हिस्सा थी।

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कैसे हुआ यह संभव?

आयोग ने इस बार की गयी जब्ती में वृद्धि का श्रेय चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ESMS) जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी और केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर कई प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग को दिया। आयोग ने अधिक सतर्कता के लिए 123 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया और इन निर्वाचन क्षेत्रों की निगरानी के लिए 781 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया। ईसीआई ने यह भी कहा कि उसने 106 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जो आदर्श आचार संहिता (MCC) के नियमों का उल्लंघन करते हुए और चुनाव अभियान में नेताओं की सहायता करते पाए गए।

जनवरी 2024 में, चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चुनावों में काले धन से निपटारे पर जोर देने के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया। इसके अलावा, जिलों की गहन समीक्षा की गई और चुनावों के दौरान वित्तीय संसाधनों के दुरुपयोग के खिलाफ सतर्कता के लिए मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ चर्चा की गई। परिणामस्वरूप, जनवरी और फरवरी में देश भर में नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातुओं और मुफ्त उपहारों के रूप में कुल 7502 करोड़ रुपये की जब्ती की गई।

काले धन पर क्या बोले पीएम मोदी

न्यूज एजेंसी एएनआई को सोमवार को दिये इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कालाधन खत्म करने के लिए पहले हमने 1000-2000 के नोटों को खत्म किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 20 हजार रुपए तक पार्टियां कैश ले सकती है। मैंने नियम बनाकर 20 हजार को ढाई हजार कर दिया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ये कैश वाला कारोबार चले।”