झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को नयी पार्टी बनाने का ऐलान किया। सोरेन ने कहा कि वह झामुमो नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं। इससे पहले उनके बीजेपी में शामिल होने की अफवाहें भी सामने आ रही थीं पर JMM नेता ने नयी पार्टी बनाने का ऐलान कर सबको चौंका दिया।
नई दिल्ली से कोलकाता होते हुए वापस रांची पहुंचे झामुमो नेता अब राजनीति से संन्यास लेने की बात नहीं कर रहे हैं और नई शुरुआत का वादा कर रहे हैं। सरायकेला खरसावां में समर्थकों को संबोधित करते हुए चंपई ने कहा कि वह या तो अपनी पार्टी बनाएंगे या उन दोस्तों के साथ जाएंगे जो झारखंड के विभिन्न समुदायों का सम्मान करते हैं।
चंपई ने कहा कि उनके पास तीन विकल्प हैं- सेवानिवृत्त हो जाएं, अपनी खुद की पार्टी शुरू करें या किसी अन्य में शामिल हों। चंपई ने 18 अगस्त को ‘एक्स’ पर की गई अपनी पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, “मैंने वही पोस्ट किया जो मुझे सही लगा। पूरा देश जानता है कि मैंने क्या सोचा।” भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें घोर अपमान का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें वैकल्पिक रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा।
अपमान के बाद बदला रास्ता
चंपई सोरेन ने कहा कि इतने अपमान के बाद मुझे वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनके भाजपा में शामिल होने की अफवाहों के बीच चंपई के दिल्ली और कोलकाता में वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मिलने की चर्चा भी थी।
चंपई ने राजनीति से संन्यास से किया इनकार
इस सबके बीच बुधवार को चंपई ने समर्थकों से कहा, “पहले हम सोचते थे कि हम संन्यास ले लेंगे। कल कोलकाता से आने के समय हजारों आदमी हमसे भेंट किया। तब हमने मन बदला कि हम संन्यास नहीं लेंगे। मैंने मन ही मन निर्णय लिया कि मैं संन्यास नहीं लूंगा। मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नयी पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिल गया तो दोस्त के साथ आगे बढ़ूंगा।”
चंपई सोरेन जो पार्टी के गठन के बाद से ही झामुमो के साथ हैं, ‘चुनाव से पहले उनके पास नई पार्टी की योजना बनाने के लिए बहुत कम समय बचा है’, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि तुम्हें इससे क्या परेशानी है?
चंपई ने अभी तक हेमंत मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया
झामुमो के सूत्रों ने यह भी बताया कि तमाम बातचीत के बावजूद, चंपई ने अभी तक हेमंत मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया है। एक झामुमो नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अगर चंपई अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं तो वह कैबिनेट से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? वह पद से जुड़ी सभी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं और साथ ही झामुमो पर दबाव बना रहे हैं और स्थिति को सौदेबाजी के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।”

चंपई खेमे से कुछ लोग हेमंत सोरेन के खेमे तक पहुंच रहे
सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि चंपई झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने कुछ को टिकट देने का वादा किया था। एक अन्य सूत्र ने कहा, “चंपई कुछ असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि वह उन्हें टिकट देंगे। वहीं, चंपई के खेमे से कुछ लोग हेमंत सोरेन के खेमे तक पहुंच रहे हैं।”
एक सूत्र ने कहा कि सभी की निगाहें अब हेमंत पर हैं, यह देखने के लिए कि वह चंपई पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, उन्होंने अब तक सार्वजनिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है। एक अन्य सूत्र ने कहा, “हेमंत सोरेन जेल में थे तब उन्होंने राज्य का नेतृत्व करने के लिए चंपई पर भरोसा किया इसलिए हेमंत के लिए अभी उनकी आलोचना करना और उन्हें निशाना बनाना बुद्धिमानी नहीं होगी।
हेमंत के इस्तीफा देने के बाद फरवरी में चंपई झारखंड के सीएम बने थे
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी से पहले हेमंत के इस्तीफा देने के बाद फरवरी में चंपई झारखंड के 12वें सीएम बने थे। जून में हेमंत जमानत पर बाहर आ गए। जिसके बाद एक बैठक में चंपई को जल्द ही हेमंत के लिए अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया था। जिसके बाद चंपई ने इसे अपना अपमान माना था।
रविवार को दिल्ली में जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो चंपई ने कहा कि राजधानी में उनका कुछ निजी काम है और हम जहां हैं, वहीं पर रहेंगे।

भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर क्या बोले चंपई सोरेन?
भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच वरिष्ठ नेता ने कहा था कि इतने अपमान के बाद, मुझे वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के पहले सप्ताह में उनके सभी सरकारी कार्यक्रम पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी जानकारी के बिना अचानक रद्द कर दिए गए थे।
चंपई ने कहा, “जब मैंने कार्यक्रम रद्द करने का कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि तीन जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक है और मैं तब तक किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या लोकतंत्र में किसी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रद्द कर दिए जाने से अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है?
मेरे स्वाभिमान को गहरी ठेस पहुंची- चंपई
सोरेन ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के पास विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार था लेकिन उन्हें बैठक के एजेंडे के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा था, “3 जुलाई की बैठक में मुझसे इस्तीफा देने को कहा गया। मैं हैरान रह गया। चूंकि मुझे सत्ता की कोई चाहत नहीं थी इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया। हालांकि, मेरे स्वाभिमान को गहरी ठेस पहुंची।”
चंपई सोरेन ने कहा, “झामुमो से किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। यह झारखंड की धरती है। मैंने छात्र जीवन से ही संघर्ष किया है। मैंने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में हिस्सा लिया था।”