BSP in Haryana Elections: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के सियासी वारिस, उनके भतीजे आकाश आनंद क्या सियासत का गुर और हुनर दोनों सीख चुके हैं- हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बात की परीक्षा होगी। परीक्षा इसलिए कहना उचित होगा, क्योंकि हरियाणा में बसपा को चौथे दर्जे की पार्टी होने का खिताब हासिल है। ऐसे में उसने 13 बरस से हरियाणा की सत्ता से बाहर चल रही इनेलो से गठबंधन कर अपने अस्तित्व को मजबूती प्रदान करने की कोशिश की है। मायावती की इस कोशिश को उनके भतीजे को अंजाम तक पहुंचाना है।
13 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के 10 से 28 फीसदी मतदाता
हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी किस हैसियत पर खड़ी है? इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस राज्य की 13 ऐसी सीटें हैं, जहां बहुजन समाज पार्टी का पारंपरिक कहा जाने वाला मतदाता दस से 28 फीसद के बीच है। जबकि छह सीटों पर उसके मतदाता पांच से दस फीसद हैं। बहुजन समाज पार्टी को प्रदेश में सात फीसद से अधिक मत प्राप्त हुए थे। जिन 13 सीटों पर बसपा मजबूत स्थिति में है उनमें पृथला में 27.45, जगाधरी में 24.18, नारायणगढ़ में 21.87, हथीन में 20.62, तिगांव में 19.82, जुलाना में 17.95, असंध 16.53, सफीदों 14.82, सोहना 14.66, बड़खल 12.67, घरोंदा 12.32, जींद 10.87 और साढ़ौरा में 10.05 फीसद उसके मतदाता हैं।
पार्टी का राज्य में वोटबैंक किसी भी दल का खेल बिगाड़ सकता है
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के सियासी कद से किस तरह हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम तय होंगे। बसपा के एक वरिष्ठ नेता के हरियाणा में यदि आकाश आनंद ने बसपा को चौथे पायदान से उठा कर तीसरे पायदान पर ला खड़ा किया और पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक में इजाफा कर दिया तो उन्हें बहनजी का तुरुप का इक्का कहने में गुरेज नहीं होगा। वो कहते हैं, बसपा का हरियाणा में परंपरागत वोट बैंक है जो चुनावी खेल बना और बिगाड़ सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को 4.37 फीसद वोट मिले और वह चौथे नंबर पर रही। हालांकि 2009 के विधानसभा चुनाव में उसे 6.37 फीसद वोट मिले थे।
दरअसल, बसपा सुप्रीमो ने आकाश आनंद को हरियाणा चुनाव में अहम किरदार अदा करने के लिए वहां भेजा है। बसपा के वरिष्ठ सूत्र कहते हैं कि अब तक आकाश आनंद ने पार्टी के पुराने और समपित कार्यकर्ताओं से कई मर्तबा लंबी गुफ्तगू की है। वो इस बार के विधानसभा चुनाव में ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिसपर चल कर वहां दलित युवाओं का वोट बसपा के पक्ष में लाया जा सके। इसके लिए आकाश ने अब तक कई प्रमुख युवा नेताओं से बात की है और वो लगातार पार्टी के जातिगत गणित को ध्यान में रख कर प्रत्येक जाति के युवा नेता के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।
हरियाणा की सियासत पर मजबूत पकड़ रखने वाले एक पुराने बसपाई कहते हैं, इस वक्त हरियाणा में युवा मतदाता 52 फीसद से अधिक है। युवाओं के तौर पर उनके पास विभिन्न दलों के कई नेता हैं, लेकिन इन सब के बीच आकाश आनंद को ले कर दलित युवा अधिक गंभीरता से देख रहा है।
हरियाणा में 13 ऐसी सीटें हैं, जहां बहुजन समाज पार्टी का पारंपरिक कहा जाने वाला मतदाता दस से 28 फीसद के बीच है। जबकि छह सीटों पर उसके मतदाता पांच से दस फीसद हैं। बहुजन समाज पार्टी को प्रदेश में सात फीसद से अधिक मत प्राप्त हुए थे। जिन 13 सीटों पर बसपा मजबूत स्थिति में है उनमें पृथला में 27.45, जगाधरी में 24.18, नारायणगढ़ में 21.87, हथीन में 20.62, तिगांव में 19.82, जुलाना में 17.95, असंध 16.53, सफीदों 14.82, सोहना 14.66, बड़खल 12.67, घरोंदा 12.32, जींद 10.87 और साढ़ौरा में 10.05 फीसद उसके मतदाता हैं।