BJP CM Candidate Delhi Polls 2024: नए साल की शुरुआत में दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच बड़ा चुनावी दंगल होने जा रहा है। चुनावी दंगल के लिए सियासत का अखाड़ा तैयार हो चुका है और बीजेपी इस बात को लेकर फैसला नहीं कर पा रही है कि क्या दिल्ली में उसे मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहिए? दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी चाहती है कि यहां पर महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही चुनाव करा दिए जाएं लेकिन शायद चुनाव तय समय यानी जनवरी-फरवरी 2025 में ही होंगे।
महाराष्ट्र और झारखंड में नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
नहीं खत्म हो रहा हार का सिलसिला
1993 में दिल्ली में पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए थे और तब बीजेपी ने सरकार बनाई थी लेकिन तब से लेकर अब तक पहले कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी के हाथों उसे लगातार हार मिल रही है।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत लगाने के बाद भी बीजेपी यहां सरकार बनाना तो दूर दहाई के आंकड़े में भी सीटें नहीं जीत सकी। 2015 के चुनाव में उसे सिर्फ तीन सीटें मिली और 2020 में सीटों का आंकड़ा बढ़कर आठ हो गया। इस बार फिर से पार्टी पूरी ताकत लगा रही है लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ उतरने को लेकर वह असमंजस में दिखाई देती है।
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वर्मा और बिधूड़ी लड़ेंगे चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन ऐसा 2019 में भी हुआ था और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव 2020 में जनता ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था। इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने पूर्व सांसदों प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी को टिकट नहीं दिया था लेकिन अब इन नेताओं से कहा गया है कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें।
प्रवेश वर्मा 2014 और 2019 में पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव जीते थे जबकि 2013 में वह महरौली सीट से विधानसभा पहुंचे थे। रमेश बिधूड़ी 2003, 2008 और 2013 में दक्षिण दिल्ली की तुगलकाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। बिधूड़ी ने 2014 और 2019 में दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव जीता था।
पार्टी के एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी को पिछले महीने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाया था और उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे दी गई है।
बीजेपी के एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी में एक वर्ग पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना चाहता है जबकि दूसरे वर्ग का यह मानना है कि किसी भी नेता को सीएम का चेहरा नहीं बनाया जाना चाहिए। स्मृति ईरानी को इस बार लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट से हार मिली थी।
हरियाणा की जीत के बाद बढ़ा मनोबल
दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। आने वाले दिनों में बीजेपी दिल्ली में संगठन में बड़े बदलाव कर सकती है। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी संसदीय क्षेत्रों में संगठनात्मक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने भी पिछले दिनों अपनी चुनावी रणनीति को धार दी है। अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया है। केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित पूरी पार्टी चुनावी मोड में आ चुकी है और दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के नेता प्रचार में जुट गए हैं।