महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी बीजेपी को अपने प्रमुख चुनावी रणनीतिकार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान की वजह से सहयोगी दल एनसीपी की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। शाह ने रविवार को महाराष्ट्र में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के मुखिया शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना कहा था।

एनसीपी नेताओं ने कहा है कि बीजेपी को ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह के बयानों से लोकसभा चुनाव में नुकसान हुआ था और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सतर्क रहना चाहिए। महाराष्ट्र में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

कांग्रेस से आए नेताओं को पद देने का विरोध

दूसरी ओर, मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान ने उनसे अहम विभाग वापस लिए जाने को लेकर तीखे तेवर दिखाए हैं। बीजेपी सरकार ने चौहान से वन एवं पर्यावरण विभाग वापस लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए रामनिवास रावत को दे दिए हैं। नागर सिंह चौहान आदिवासी समुदाय से आते हैं।

चौहान का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को पद देने का विरोध कर रहे हैं। चौहान की पत्नी अनीता सिंह चौहान मध्य प्रदेश में रतलाम से बीजेपी की सांसद हैं। चौहान ने कहा है कि वह और उनकी पत्नी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

Amit Shah
कौन जीतेगा महाराष्ट्र का चुनाव- महायुति या महा विकास आघाडी? (Source- amitshahofficial/FB)

केशव मौर्य की योगी को चिट्ठी

उत्तर प्रदेश में भी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूछा है कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में संविदा नियुक्तियों में आरक्षण की स्थिति क्या है। कुछ दिन पहले ही केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन सरकार से बड़ा है, वाला बयान देकर भी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी की थी।

ऐसे बयानों से दूर रहे बीजेपीः एनसीपी नेता

अमित शाह के द्वारा शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना कहे जाने पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के करीबी और पिंपरी चिंचवाड के पूर्व विधायक विलास लांडे ने महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को पत्र लिखा है। विलास लांडे ने अपील की है कि बीजेपी को इस तरह के बयानों से दूर रहना चाहिए।

लांडे ने लिखा है कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद पवार पर ‘भटकती आत्मा’ कहकर निशाना साधा था और इस वजह से चुनाव में शरद पवार को सहानुभूति मिली है। लांडे ने कहा कि 84 साल के शरद पवार के खिलाफ इस तरह के बयान देना सही नहीं है।

पिंपरी इलाके के एनसीपी के विधायक अन्ना बनसोडे ने भी अमित शाह के बयान पर नाराजगी जताई है और कहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके खिलाफ अमित शाह का इस तरह का बयान पूरी तरह गलत था।

पवार की आलोचना से हो सकता है नुकसान: पूर्व सांसद

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के एक पूर्व सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शरद पवार पिछले 10 साल से सत्ता में नहीं हैं और उनकी व्यक्तिगत आलोचना करने से चुनाव में नुकसान हो सकता है। पूर्व सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमने देखा कि जब इस तरह के बयान शरद पवार के खिलाफ दिए गए तो क्या हुआ, महायुति को बारामती और पश्चिम महाराष्ट्र में कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।

2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में किसे मिली कितनी सीटें

राजनीतिक दल 2024 में मिली सीटें2019 में मिली सीटें
बीजेपी 923
कांग्रेस131
एनसीपी14
एनसीपी (शरद चंद्र पवार)8
शिवसेना (यूबीटी)9
शिवसेना 718

अमित शाह के इस बयान के बाद एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था कि अगर शरद पवार भ्रष्टाचारियों के सरगना थे तो मोदी सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण क्यों दिया था?

दूसरी ओर, पुणे बीजेपी के प्रमुख धीरज घाटे ने कहा है कि पार्टी की योजना है कि शरद पवार का नाम भ्रष्टाचार के जितने भी मामलों से जुड़ा है, उससे जुड़े दस्तावेजों को प्रकाशित किया जाए और विधानसभा चुनाव से पहले इन्हें लोगों के बीच बांटा जाए।

giriraj singh| BJP| RSS
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Source- PTI)

मंत्री बोले- मैं और पत्नी दोनों दे सकते हैं इस्तीफा

मध्य प्रदेश वाले मामले में मीडिया के साथ बातचीत में मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस की कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार बनी थी तब उन्होंने अपने आदिवासी नेताओं को अहम विभाग दिए थे लेकिन बीजेपी सरकार में उनसे तो वन और पर्यावरण विभाग भी छीन लिया गया है और इससे आदिवासी वर्ग में गलत संदेश गया है।

चौहान ने कहा है कि उनके पास अब सिर्फ अनुसूचित कल्याण विभाग ही बचा है और उनके जिले में दलित समाज के लोग नाम मात्र के हैं। ऐसे में वह मंत्री पद त्याग कर विधायक के रूप में ही लोगों की सेवा कर सकते हैं।

नागर सिंह चौहान का एक ऑडियो वायरल हुआ है। उसमें वह कहते हैं कि उनसे पूछे बिना, चर्चा किए बिना उनके विभाग को कांग्रेस से आए हुए रामनिवास रावत को दे दिया गया है। इससे वह बहुत दुखी हैं और हमारे कार्यकर्ता जो हमारे साथ जनसंघ और बीजेपी के वक्त से जुड़े हैं, जिन्होंने सालों-साल तक काम किया है, उनकी भावना को देखते हुए मुझे ऐसा लगता है कि मुझे इस पद पर नहीं रहना चाहिए। वह यह भी कहते हैं कि कांग्रेस से आए हुए लोगों को बड़े पदों से नवाजा जा रहा है।

बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने किया तलब

चौहान का ऑडियो वायरल होने के बाद हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने तलब किया है। चौहान ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं। वह पार्टी संगठन से बात करने के बाद एक से दो दिन में अपना फैसला लेंगे। अगर उन्हें लगेगा कि उन्हें इस पद पर नहीं रहना चाहिए तो वह अपनी पत्नी के साथ ही इस्तीफा दे देंगे।

चार बार विधायक रहे हैं नागर सिंह चौहान

अलीराजपुर सीट से विधायक चौहान के इन तेवरों के बाद मध्य प्रदेश भाजपा में निश्चित रूप से खलबली का माहौल है। चौहान ने 2003 में अलीराजपुर से पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद 2008 और 2013 में भी वह इसी सीट से विधायक बने थे। 2018 में उन्हें हार मिली थी लेकिन पार्टी ने उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें बीजेपी का प्रदेश उपाध्यक्ष मनाया था। 2023 में फिर से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे।

नागर सिंह चौहान ने जिन रामविलास रावत का नाम अपने ऑडियो में लिया है वह कांग्रेस में बेहद वरिष्ठ नेता थे और शिवपुरी जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी में शामिल हो गए थे।

8 जुलाई को जब डॉक्टर मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था तब उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था।

कांग्रेस से आए नेताओं को मिले बड़े पद

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में कांग्रेस से नेता बीजेपी में आए हैं और उन्हें अहम विभाग भी मिले हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी सरकार के पिछले और इस कार्यकाल में मंत्री बनाया गया है। साथ ही मध्य प्रदेश में उनके समर्थकों को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में टिकट भी दिया और चुनाव जीतने के बाद मंत्री भी बनाया।

ऐसे नेताओं में तुलसी सिलावट, प्रदुम्न सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत, एंदल सिंह कंसाना आदि का नाम शामिल है।