BJP GT Road Belt Haryana Election 2024: हरियाणा में एक महीने तक चले जोरदार चुनाव प्रचार के बाद अब उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। 5 अक्टूबर को मतदाता अपने पसंदीदा राजनीतिक दल के उम्मीदवार की सियासी किस्मत को ईवीएम में लॉक कर देंगे। हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, राज्य में चुनावी मुकाबला बहुत कड़ा है। कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर रही है जबकि बीजेपी का दावा है कि वह हैट्रिक लगाएगी।

चुनाव नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं।

बीजेपी-कांग्रेस के दिग्गज उतरे प्रचार में

चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रचार किया तो कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा सहित तमाम बड़े नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी।

जीटी रोड बेल्ट में हैं 25 सीटें

बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान हरियाणा की सभी 90 सीटों पर पूरी जान लगाई है लेकिन फिर भी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए उसे सबसे ज्यादा उम्मीद ग्रैंड ट्रक रोड (जीटी रोड) बेल्ट से है। जीटी रोड बेल्ट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। यहां विधानसभा की 25 सीटें हैं। चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी को 10 साल की एंटी-इन्कम्बेंसी, किसानों के गुस्से और पहलवानों के विरोध का सामना करना पड़ा।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा वरिष्ठ नेता अनिल विज, कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा, महिपाल ढांडा, स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी जीटी रोड बेल्ट से ही आते हैं।

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जीटी रोड बेल्ट में आती हैं कौन-कौन सी सीटें?

अंबाला शहर, अंबाला कैंट, मुलाना, रादौर, नारायणगढ़, सढौरा, जगाधरी, यमुनानगर, शाहबाद, थानेसर, नीलोखेड़ी, पूंडरी, लाडवा, इंद्री, घरौंडा, करनाल, पानीपत ग्रामीण, पानीपत शहर, समालखा, गन्नौर, सोनीपत, राई, कालका, पंचकूला और इसराना।

2014 में जीती 21 सीटें

जीटी रोड बेल्ट में ओबीसी और सवर्ण मतदाताओं- जैसे- ब्राह्मण, बनिये और खत्री मतदाताओं की अच्छी संख्या है। 2014 में जब बीजेपी ने हरियाणा में पहली बार अपने बलबूते सरकार बनाई थी तो उसे 47 सीटें मिली थी और इसमें से 21 सीटें (लगभग 45%), जीटी रोड बेल्ट से थीं जबकि कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो-दो सीटें जीती थी।

2019 में कांग्रेस ने दी थी कड़ी टक्कर

2019 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी बहुमत पाने से चूक गई थी और उसे 40 सीटें मिली थी तो इसमें भी 13 सीटें (32.5%) जीटी रोड बेल्ट से आई थी। तब कांग्रेस ने यहां 2014 के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया था और 9 सीटें जीती थी जबकि दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार और बीजेपी ने एक सीट जीती थी।

लाडवा से चुनाव लड़ रहे सीएम सैनी

नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जीटी रोड बेल्ट की करनाल सीट से उपचुनाव जीता था और अब वह इसी बेल्ट में पड़ने वाली लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव करते हुए इस बार जीटी रोड बेल्ट की 25 सीटों में से 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदल दिया था।

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कांग्रेस का दावा है कि वह जीटी रोड बेल्ट में बेहतर प्रदर्शन करेगी और 2005 के चुनावी प्रदर्शन को दोहराएगी। तब कांग्रेस ने हरियाणा में 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस का कहना है कि खराब होती कानून व्यवस्था और जीएसटी के मुद्दे की वजह से जीटी रोड बेल्ट के व्यापारी बीजेपी से नाराज हैं।