अगले साल देश में लोकसभा के चुनाव हैं। एक तरफ विपक्षी दलों की बैठकों का दौर चल रहा है। तो दूसरी तरफ सत्ताधारी एनडीए भी गठबंधन को मजबूत करने में जुटी है। इसी क्रम में पिछले सोमवार को लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान से केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने मुलाकात की।
मंगलवार (18 जुलाई) को दिल्ली के ‘द अशोक होटल’ में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान को गले लगा लिया, इस घटना की तस्वीर पर मीडिया में खूब चर्चा हुई है। पिछले दिनों द इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम में शामिल होकर चिराग ने बताया कि आखिर उन्होंने एनडीए में शामिल होना क्यों चुना?
लिज़ मैथ्यू ने चिराग पासवान से पूछा कि क्या उन्होंने एनडीए का साथ इसलिए चुना क्योंकि वह पावर में है? जवाब में जमुई के सांसद ने कहा, “2013 में मेरी पार्टी और मेरे नेता राम विलास पासवान, यूपीए सरकार (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के साथ गठबंधन में थे; वह उसी गठबंधन में रहना चाहते थे। लेकिन मैंने गठबंधन बदलने की सलाह दी। क्योंकि मैं व्यक्तिगत तौर पर नरेंद्र मोदी दूरदृष्टि और विचारधारा से प्रभावित था… हम भाजपा के साथ इस गठबंधन में तभी गए जब मेरे मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) 2013 में इससे बाहर हो गए।”
वह आगे कहते हैं, “मेरे लिए यह बताना महत्वपूर्ण है कि मेरे पिता (पासवान) और नीतीश कुमार कभी साथ नहीं थे। मेरे पिता को हमेशा उनकी विचारधाराओं और उनकी कार्यशैली से दिक्कत थी। नीतीश कुमार ने हमेशा उन्हें नीचे खींचने की कोशिश की। लोकसभा चुनाव के बाद 2019 तक, जिस तरह से मुख्यमंत्री ने चुनाव में व्यवहार किया… वह चाहते थे कि हमारे उम्मीदवार हार जाएं। तब पार्टी ने फैसला किया कि हम इस गठबंधन से बाहर निकल जाएंगे… हम कभी भी किसी वैकल्पिक गठबंधन में नहीं गए। मैंने सभी उपचुनाव अकेले लड़े। वर्तमान प्रधानमंत्री में मेरा विश्वास पूरे समय बना रहा। मैं इस तरह के ताने सुनता था कि ‘अरे आप खुद को हनुमान कहते हैं, और क्या हुआ…उन्होंने आपकी पार्टी, आपके परिवार, आपके घर के साथ ऐसा किया।’ लेकिन पिछले दिनों जो तस्वीरें वायरल हुईं (एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा गले लगाने की) वे उस रिश्ते की झलक हैं जो मैं अपने प्रधानमंत्री के साथ साझा करता हूं। वह मेरे सबसे कठिन समय में मेरे साथ खड़े रहे… उन पर मेरा विश्वास कायम है।”
चिराग ने एनडीए में आने की जो वजह बताई, उसके साथ-साथ बीजेपी के द्वारा एनडीए में पार्टियों को लाने को लेकर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी के विचार जानना चाहते हैं तो यह वीडियो देखें। नकवी ने जनसत्ता.कॉम के कार्यक्रम ‘बेबाक’ में कहा था कि अगर भाजपा से कोई भी जुड़ना चाहे तो उसे मना करना बेवकूफी होगी।
मोदी-शाह से क्या बातचीत हुई? इस सवाल पर क्या बोले चिराग
द इंडियन एक्सप्रेस की कंट्रीब्यूटिंग एडिटर नीरजा चौधरी ने चिराग पासवान से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई संकेत दिया है कि वह उन्हें किस भूमिका में देखना चाहेंगे?
जवाब में चिराग पासवान ने कहा, “मैं आपको सटीक विवरण नहीं दे पाऊंगा क्योंकि ये बंद कमरे की बातचीत थी और यह सही समय भी नहीं है। मेरा भाजपा के साथ गठबंधन है। भाजपा का कई अन्य लोगों के साथ भी गठबंधन है। इसलिए जब तक हम एक मंच पर नहीं आते, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री के साथ मेरी बातचीत का खुलासा करना गलत होगा…”
यहां चिराग ने घर के बाहर सामान फेंके जाने की घटना को याद करते हुए कहा, “हां, जिस तरह से भाजपा ने मेरे साथ व्यवहार किया वह अपमानजनक था, मेरा सामान घर से बाहर फेंक दिया गया, लेकिन यह मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। मैं अपने राज्य, राष्ट्र और उन लोगों के लिए लड़ रहा हूं जो मुझ पर विश्वास करते हैं। अगर यह मेरी व्यक्तिगत लड़ाई होती, तो मुझे लगता है कि 2020 सबसे अच्छा समय था… वे मुझे 15 सीटों की पेशकश कर रहे थे, मुझे बस अपने मुख्यमंत्री की गलत नीतियों के सामने आत्मसमर्पण करना था। अगर मैंने ऐसा किया होता तो मैं केंद्र में होता और परिवार या पार्टी में कोई विभाजन नहीं होता… लेकिन, मेरी महत्वाकांक्षाएं बड़ी हैं।”
क्या चिराग पासवान और भाजपा की विचारधारा एक है?
चिराग पासवान खुद स्वीकार करते हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत प्रभावित हैं। अब लिज़ मैथ्यू का सवाल था कि क्या चिराग का आकर्षण व्यक्ति केंद्रित है, विचारधारा से प्रेरित नहीं?
चिराग ने भाजपा के साथ वैचारिक एकता की पुष्टि करते हुए कहा, “वैचारिक स्तर पर भी हमारी अच्छी बनती है, हम स्वाभाविक सहयोगी हैं। हमारी पार्टी बिहार से है, और जो व्यक्ति मेरे राज्य का नेतृत्व कर रहा है, उससे मेरी नहीं बनती। मैं उनके विज़न पर विश्वास नहीं करता। मैं वास्तव में नहीं सोचता कि नली गली (मुख्यमंत्री की नाली और गली योजना) मेरे राज्य का विकास कर सकती है। ये बुनियादी आवश्यकताएं हैं जिन्हें आपको डिफ़ॉल्ट रूप से करना होगा। लेकिन एक सरकार के रूप में, आपके पास बड़ी योजनाएं होनी चाहिए। आपको आईटी क्षेत्र, औद्योगीकरण, किसानों और राज्य में सूखे के बारे में बात करने की ज़रूरत है।”
INDIA सत्ता में आई तब भी NDA के साथ रहेंगे चिराग पासवान?
विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम INDIA (National Developmental Inclusive Alliance) रखा है। द इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार मनोज सीजी ने चिराग पासवान से पूछा कि आपके पिता संयुक्त मोर्चा सरकार का हिस्सा थे, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले एनडीए में भी रहे, फिर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले में यूपीए और फिर मोदी सरकार का हिस्सा थे। तो, अगर 2024 में विपक्षी दल सत्ता में आते हैं, तो इसकी क्या गारंटी है कि आप एनडीए के साथ बने रहेंगे?
जवाब में चिराग पासवान ने कहा, “गारंटी मेरे पिता की ओर से आती है। उन्होंने कभी भी गठबंधन का विकल्प सिर्फ इसलिए नहीं चुना क्योंकि वह पार्टी सत्ता में आ रही है। यह कभी भी चुनाव के बाद का गठबंधन नहीं था, यह हमेशा चुनाव से पहले का गठबंधन था। मैं इसे सौभाग्य मानूंगा कि वे जहां भी जाते थे, सरकार बनती थी। मैं चाहूंगा कि उनकी किस्मत का कुछ हिस्सा मुझे भी मिले, ताकि मैं जिसके भी पक्ष में रहूं, सरकार बने।”
राजनीति में भाई-भतीजावाद पर क्या बोले?
लिज़ मैथ्यू ने चिराग पासवान से पूछा- भाजपा, ज्यादातर प्रधानमंत्री, भाई-भतीजावाद के खिलाफ बात करते रहे हैं। आपकी इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
चिराग पासवान ने कहा, “मैं इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकता। मैं उसी का परिणाम हूं। मैं इस तथ्य से मुंह नहीं मोड़ सकता कि मैं राम विलास पासवान का बेटा हूं… आखिरकार, यह हमारे देश के लोग ही हैं जो आपके भाग्य का फैसला करते हैं। यदि उन्हें आपमें क्षमता नजर आएगी तो वे आपको आगे ले जाएंगे, अन्यथा वे आपको बाहर निकाल देंगे।”