विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीति में जबरदस्त हलचल हो रही है। हलचल इस बात को लेकर है कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में क्या टूट हो सकती है? पार्टी के अंदर नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं।
मामला यह है कि उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा दी गई ‘लिट्टी पार्टी’ से पार्टी के तीन विधायक गैर हाजिर रहे। विधानसभा चुनाव में पार्टी के चार विधायक विधानसभा पहुंचे थे।
‘लिट्टी पार्टी’ में उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी और सासाराम से विधायक स्नेहलता ही शामिल हुईं। गैर हाजिर रहने वालों में पार्टी के विधायक माधव आनंद, आलोक कुमार सिंह और रामेश्वर महतो शामिल हैं। ‘लिट्टी पार्टी’ वाले ही दिन इन तीनों विधायकों ने बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन से दिल्ली में मुलाकात की।
इस मुलाकात के बाद मीडिया में इस तरह की अटकलें तेज हैं कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी बिखर सकती है।
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दीपक प्रकाश को मंत्री बनाने को लेकर नाराजगी
नीतीश सरकार ने जब शपथ ली थी तो उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने को लेकर पार्टी में नाराजगी की खबरें आई थी। सवाल यह उठा था कि दीपक प्रकाश ना तो विधायक हैं और ना ही एमएलसी, ऐसे में उन्हें बिहार सरकार में मंत्री पद की शपथ क्यों दिलाई गई?
कुशवाहा ने दिया था जवाब
रालोमो के भीतर कई सवाल उठे थे और उपेंद्र कुशवाहा ने इन सवालों का जवाब भी दिया था। कुशवाहा ने कहा था कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अस्तित्व और भविष्य को बचाए और बनाए रखने के लिए दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया जाना जरूरी था।
अगर चार में से तीन विधायक उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ विद्रोह करते हैं तो इससे कुशवाहा के राज्यसभा जाने के रास्ते में बड़ी रुकावट पैदा हो सकती है। बिहार से राज्यसभा की 6 सीटें अप्रैल 2026 में खाली हो रही हैं इसमें कुशवाहा की भी सीट है।
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रालोमो के विधायक रामेश्वर महतो की हाल ही में नाराजगी सामने आई थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट में पार्टी के कामकाज को लेकर तमाम सवाल उठाए थे। महतो को ऐसी उम्मीद थी कि उन्हें बिहार सरकार में मंत्री बनाया जाएगा लेकिन कुशवाहा के बेटे को मंत्री पद मिलने से वह नाराज हो गए थे।
आप हमें बागी कह सकते हैं…
एचटी से फोन पर बातचीत में पार्टी के एक विधायक ने कहा, “यह सच है। आप हमें बागी कह सकते हैं लेकिन हम पार्टी में ही हैं। भाजपा नेता से मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार भेंट थी।” ये सभी ‘बागी’ विधायक दिल्ली में ही हैं। विधायक ने पार्टी में चल रहे घटनाक्रमों पर नाराजगी जाहिर की।
नितिन नबीन से रालोमो के विधायकों की मुलाकात को हालांकि शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है लेकिन इसे ‘ऑपरेशन लोटस’ या इन विधायकों के द्वारा दल-बदल किए जाने की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है।
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कम होगी कुशवाहा की ताकत
दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने के फैसले के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुशवाहा, उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ और पांच अन्य विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
अब विधायकों के बागी तेवर इस बात का संकेत दे रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा के लिए आने वाला साल बड़ी राजनीतिक चुनौतियां लेकर आने वाला है। क्योंकि अगर ये तीनों विधायक पार्टी छोड़ देते हैं तो इससे पार्टी तो टूटेगी ही एनडीए के भीतर उपेंद्र कुशवाहा की सौदेबाजी की ताकत भी कम हो सकती है।
