बिहार के बेगूसराय को कभी उसके वामपंथी रुझान की वजह से ‘लेनिनग्राद’ व ‘मिनी मास्को’ कहा जाता था। धर्म और राजनीति को अलग-अलग रखने की नीति का पालन करने वाले वामपंथ के पूर्व गढ़ में अब भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद गिरिराज सिंह खुले-आम हिंदू-मुसलमान कर रहे हैं। पीएम मोदी की तरह विपक्षी कांग्रेस को मुस्लिम परस्त बताकर क्षेत्र में वोट मांग रहे हैं।

हाल में मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पार्टी को मुसलमानों के लिए हिंदुओं का गला काटने वाली पार्टी बताया है। उन्होंने कहा है, जब कांग्रेस सोचती हैं कि मुसलमानों का वोट हमें निश्चित है। वायनाड में राहुल गांधी के नामांकन से लेकर चुनाव तक एक झंडा कांग्रेस का और 100 झंडा मुस्लिम लीग का होता था। … कांग्रेस पार्टी तो मुसलमानों के लिए हिंदुओं का गला काटती है। हिंदुओं का संवैधानिक अधिकार छीनती है। आज तक जो हिंदुओं के लिए नहीं हुआ, वो कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए किया।”

लोकसभा चुनावविजेताउपविजेताअंतर
2009डॉ. मोनाजिर हसन (जदयू)
वोट- 2,05,680
शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा (भाकपा)
वोट- 1,64,843
40,837
2014डॉ. भोला सिंह (भाजपा)
वोट- 4,28,227
तनवीर हसन (राजद)
वोट- 3,69,892
58,335
2019गिरिराज सिंह (भाजपा)
वोट- 6,92,193
कन्हैया कुमार (भाकपा)
वोट- 2,69,976
4,22,217

कांग्रेस पर ओबीसी का अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा, “कांग्रेस चाहती है कि देश में गृहयुद्ध हो जाए। यदि ओबीसी का अधिकार कांग्रेस छीनेगी… कांग्रेस क्या चाहती है कि मुसलमानों को ओबीसी का दर्ज दे दें, ओबीसी सड़क पर उतर जाए। हंगामा हो। और लालू यादव जैसे लोग ऐसे समय में चुप हो जाते हैं।”

मुसलमानों से अल्पसंख्यक का दर्जा वापस लेने की मांग करते हुए सिंह ने कहा, “मुसलमान अब अल्पसंख्यक नहीं है। मुसलमान बहुसंख्यक हो गया है। अल्पसंख्यक का दर्जा इनसे से ले लेना चाहिए। अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की परिभाषा ही परिभाषित नहीं हो पा रही है। मुसलमानों को अल्पसंख्यक कहना, हिंदुओं के साथ बेईमानी है।”

विपक्ष पर जिन्ना की भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए सिंह कहते हैं, “इस देश में जो लोग जिन्ना की भाषा और औरंगजेब की भाषा बोल रहे हैं… ये भारत के हित में नहीं है। भारत के हिंदुओं को ललकारा जा रहा है। ये उचित नहीं है।”

गिरिराज सिंह का ये बयान, उदाहरण मात्र है। वह क्षेत्र में लगातार ऐसी बातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दैनिक भास्कर की एक ग्राउंड रिपोर्ट्स में बताया गया है कि गिरिराज सिंह चुनाव को हिंदू बनाम मुस्लिम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने किसी संगठन या समुदाय का नाम लिए बिना कहा था, “मुझे देशद्रोहियों का वोट नहीं चाहिए। टुकड़े-टुकड़े गैंग से सख्त नफरत है।”

कौन किसे साध रहा है?

निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वर्तमान में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गिरिराज सिंह कर रहे हैं। पार्टी ने उन्हें इस सीट से दोबारा मौका दिया है। भाजपा की जीत के सिलसिले को तोड़ने और गिरिराज सिंह को चुनौती देने के लिए एकजुट विपक्ष ने इंडिया ब्लॉक का गठन किया है। इस गठबंधन के तहत, उन्होंने सिंह के खिलाफ अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में अवधेश कुमार राय को मैदान में उतारा है।

जहां एनडीए के उम्मीदवार गिरिराज सिंह हिंदू बनाम मुस्लिम और मोदी के चेहरे को जीत की गारंटी मान रहे हैं। वहीं अवधेश राय चुनाव को अगड़ा-बनाम पिछड़ा बनाना चाहते हैं। राजद नेता अवधेश राय को लेफ्ट काडर का सपोर्ट है। मुसलमानों का वोट मिलने के भरोसा है। उनकी पार्टी सीट पर पिछड़ा और अति-पिछड़ा को गोलबंद करने में जुटी है।

गिरिराज सिंह को सवर्ण वोट मिलने का भरोसा है। मोदी की अपील और जदयू का साथ होने से वह भी पिछड़ा, अति-पिछड़ा के वोट की उम्मीद कर रहे हैं।

भूमिहार बनाम गैर-भूमिहार के मुकाबले का दिलचस्प इतिहास

भूमिहारों के वर्चस्व वाले बगूसराय की सीट पर लोकसभा के चुनाव में जब भी भूमिहार बनाम गैर-भूमिहार का मुकाबला हुआ है, गैर-भूमिहार उम्मीदवार की जीत हुई है। ऐसे दो मुकाबले का बेगूसराय गवाह बन चुका है। इस बार तीसरी बार ऐसा मौका बना है।

अब इन तीन मौकों को मौकों को छोड़ दें तो बेगूसराय की सीट पर हमेशा विजेता और उपविजेता भूमिहार ही रहे हैं। यही वजह है कि मीडिया रिपोर्ट में गिरिराज सिंह सवर्ण वोटों की गोलबंदी करते बताया जा रहा है।

2004 के बाद बदला है पैटर्न

पिछले तीन दशकों में बेगूसराय का मतदान पैटर्न चेंज हुआ है। 2004 से पहले यह कांग्रेस पार्टी का गढ़ था। 2004 में मतदाताओं ने नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा का समर्थन किया। तब राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​​​ललन सिंह (जेडीयू) सांसद बने। 2009 में जदयू के ही डॉ. मोनाज़िर हसन जीते थे। फिर 2014 और 2019 में सीट भाजपा के खाते में चली गई। क्रमश: भोला सिंह और गिरिराज सिंह ने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

13 मई को मतदान

बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र बिहार के 40 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। बेगूसराय में कुल 21,78,160 मतदाता हैं। इनमें से 11,45,185 पुरुष और 10,32,975 महिलाएं हैं। बेगूसराय में सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं: चेरिया-बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी। बेगूसराय में मतदान 13 मई (चरण 4) को होना है।

बिहार में किसी के पक्ष में लहर नहीं

द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित विकास पाठक की ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि बिहार में किसी के पक्ष में लहर नहीं है। तेजस्वी उभर सकते हैं और नीतीश कुमार का ग्राफ नीचे जा सकता है। विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

Bihar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। (PC- PTI)

यूपी में टीवी के राम ने ‘राम के नाम’ पर मांगे वोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह दल के दूसरे नेता भी राम के नाम पर वोट मांग रहे हैं। मेरठ (उत्तर प्रदेश) से भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल को तो खुद की तुलना राम से कर के वोट मांगते देखा जा चुका है। मेरठ में दूरण में मतदान हो चुका है। अभिनेता से नेता बने गोविल के कैंपेन के बारे में विस्तार से जानने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

मेरठ के भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल (PC- X/@arungovil12)