बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सियासी जिंदगी जितनी उथल-पुथल भरी रही है, निजी जिंदगी भी उतनी ही दिलचस्प है। साल 1973 में जब नीतीश की शादी तय हुई तो वह कॉलेज के आखिरी साल में थे। नीतीश को खुद नहीं पता था कि उनके पिता ने शादी तय कर दी है और दहेज की डिमांड भी रखी है। नीतीश कुमार को जब दहेज वाली बात पता चली तो गुस्सा से आग बबूला हो गए थे।

हाल ही में राजकमल प्रकाशन से आई ‘नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से’ में उदय कांत लिखते हैं कि नीतीश की शादी उसके बाबूजी ने तय की थी और तिलक में 22000 रुपये देने की बात हुई थी। नीतीश कुमार को जब यह पता चला तो बहुत परेशान हो गए। दरअसल, नीतीश ने बहुत पहले विवाह में दहेज न लेने की कसम खाई थी और यह बात उनके घर में भी लगभग सबको पता थी।

शादी से पहले नीतीश ने रखीं दो शर्तें

उदय कांत लिखते हैं कि नीतीश कुमार गुस्से से लाल हो गए और इस बारे में बात करने पटना से अपने गांव बख्तियार पहुंच गए। उन्होंने अपने परिवार के सामने दो बड़ी शर्तें रख दीं। पहली तो यह कि जिस तरह शादी के लिए उनसे मंजूरी ली गई है, ठीक उसी होने वाली पत्नी मंजू से भी पूछा जाना चाहिए कि क्या उन्हें नीतीश पसंद हैं? दूसरी यह कि शादी बिना किसी तामझाम के होगी और एक रुपये का भी आदान-प्रदान नहीं होगा।

नीतीश कुमार के पिताजी को जब दोनों शर्तें पता चलीं तो उन्होंने कहा, ‘मुन्ना (नीतीश के घर का नाम) यदि दहेज नहीं चाहते हैं और सादे तरीके से विवाह करना चाहते हैं तो बड़ी अच्छी बात है, मुझे कोई आपत्ति क्यों होगी? नीतीश के घर पर यह सब बातें हो ही रही थी कि उनके होने वाली ससुराल के तमाम लोग भी बख्तियारपुर आ गए। उदय कांत लिखते हैं कि ‘वो लोग (नीतीश के ससुराल पक्ष के लोग) बड़े प्रतिष्ठित लोग थे। जब उन्हें नीतीश की शर्तों के बारे में पता लगा तो फौरन मान गए।

Nitish Kumar, Bihar CM
नीतीश कुमार की शादी का कार्ड। सोर्स- ‘नीतीश कुमार: अंतरंग दोस्तों की नजर से’

छपवाना पड़ा दूसरा कार्ड

उदय कांत लिखते हैं नीतीश की शादी का कार्ड पहले ही बंट गया था। बाद में उस कार्ड को रद्द कर नया कार्ड छपवाया गया। जिसमें पहली पंक्ति थी, ‘तिलक, दहेज और शोषण युक्त कुप्रथाओं से मुक्त’ और अंत में एक आग्रह था- ‘पुष्प, माला एवं आशीर्वचन के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के उपहार का आदान-प्रदान नहीं होगा’।

शादी में पहुंचे पटना यूनिवर्सिटी के VC

22 फरवरी 1973 को नीतीश कुमार और मंजू की पटना के लाला लाजपत राय हॉल में बेहद सादे तौर-तरीके से शादी हुई। इस शादी में साक्षी बनने खुद पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति सचिन दत्त और तमाम अधिकारी पहुंचे थे। उदय कांत लिखते हैं कि बारात तो आखिर बारात थी। नीतीश कुमार के तमाम विरोध के बावजूद घरातियों की तरफ से शानदार चाय-नाश्ते की व्यवस्था की गई।