लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बीजेपी के लिए मनमुताबिक नहीं रहे। पार्टी को महाराष्ट्र में महज 9 सीटें मिलीं। हार से आहत होकर और अपने अनुमान से कम मिली सीटों को देखते हुए भाजपा ने महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी उम्मीदें कम कर दी हैं और राज्य में 100 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। 288 विधानसभा क्षेत्र वाले महाराष्ट्र में पार्टी के पास वर्तमान में 106 विधानसभा सीटें हैं और उसे अपने सहयोगियों शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की मदद से आधे का आंकड़ा पार करने और 145 तक पहुंचने की उम्मीद है।

पिछले हफ्ते कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “महायुति के सत्ता में लौटने के बारे में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए लेकिन इसे बरकरार रखने के लिए हमें 100 सीटें सुनिश्चित करनी होंगी। अगर हम 100 का आंकड़ा पार कर गए तो बीजेपी के बिना कोई सरकार नहीं बना पाएगा।”

लोकसभा चुनाव में महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच वोट शेयर में सिर्फ 0.3 प्रतिशत का अंतर था। फडणवीस बार-बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वास्तविक वोटों के मामले में अंतर सिर्फ दो लाख वोटों का है, यह अंतर आसानी से पाटा जा सकता है। कार्यकर्ताओं की बैठक में फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार की लाडली बहिन योजना महायुति को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त होगी।

लोकसभा चुनाव में ‘400 पार’ का नारा बेअसर

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा, ”लोकसभा चुनाव में ‘400 पार’ का नारा बेअसर रहा। महाराष्ट्र में हमने कहा था कि हम 48 लोकसभा सीटों में से 45 से अधिक सीटें जीतेंगे लेकिन इसका उलटा असर हुआ।” राज्य भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा। “उच्च-स्तरीय अभियानों और अनुमानों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय हमने राज्य भर में व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के आजमाए हुए फॉर्मूले की ओर रुख किया है। हमने महसूस किया कि लोकसभा में विफलता ज़मीनी स्तर पर लोगों के साथ अलगाव के कारण थी।”

भाजपा और आरएसएस के बीच समन्वय बढ़ाने की कोशिश

यह बदलाव भाजपा और आरएसएस के बीच बढ़ते समन्वय के बीच आया है। दोनों के बीच की कड़ी हैं फडणवीस, जिनकी संघ पृष्ठभूमि है और पार्टी के महायुति सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में फडनवीस ने नागपुर में अपने मुख्यालय में आरएसएस के प्रमुखों के साथ कम से कम चार बैठकें की हैं। राज्य भाजपा में 35 लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं लेकिन उनका मानना ​​है कि अकेले चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नहीं है और उन्हें आरएसएस के सहारे की जरूरत होगी।

बीजेपी के एक सूत्र ने कहा, “प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और उसके सहयोगियों के साथ पूर्ण समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक आरएसएस नेता को तैनात किया जाएगा। संघ कैडर महायुति सरकार की प्रमुख परियोजनाओं को जमीनी स्तर तक ले जाने में भी मदद करेगा।” इनके अलावा, सूत्रों ने कहा कि सभी हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों को विधानसभा चुनावों के लिए अपने समर्थकों को जुटाने के लिए सक्रिय किया गया है। जिसके चलते सकल हिंदू समाज जैसे संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में राज्य भर में सड़कों पर प्रदर्शन किया है। ऐसे संगठन “लव और लैंड जिहाद” पर रैलियां शुरू करने की योजना बना रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद संघ और बीजेपी के बीच मतभेद

आरएसएस को वापस अपने साथ लाने का प्रयास लोकसभा चुनाव के दौरान संघ और भाजपा बीच मतभेदों को देखते हुए किया जा रहा है। आम चुनावों में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद दोनों के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे। कहा जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान से संघ नाखुश था जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी खुद को चलाने में सक्षम है और उसे आरएसएस की उतनी जरूरत नहीं है जितनी पहले होती थी।

अजित पवार के साथ गठबंधन से नाखुशी

जिसके बाद जुलाई में आरएसएस से जुड़े एक मराठी साप्ताहिक ने गठबंधन के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार की पार्टी एनसीपी के साथ भाजपा के गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया, जिसके कारण उसे 48 में से केवल 17 सीटें मिलीं। एक महीने पहले आरएसएस से जुड़े ऑर्गनाइज़र के एक लेख में, पवार पर “बीजेपी की ब्रांड वैल्यू” को कम करने और इसे “बिना किसी अंतर के सिर्फ एक और पार्टी” में बदलने का आरोप लगाया गया था।

महाराष्ट्र में भाजपा और संघ के बीच समन्वय को भी झटका लगा है क्योंकि राज्य भाजपा के पास 2021 से कोई संगठन महासचिव नहीं है। इस पद पर परंपरागत रूप से आरएसएस प्रचारक का कब्जा रहा है जो संघ और पार्टी के बीच सेतु का काम करता था।

महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे

राजनीतिक दलमिली सीटें
बीजेपी105
कांग्रेस44
एनसीपी (अविभाजित)54
शिवसेना (अविभाजित)56
निर्दलीय 13