दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद हिंदुत्व की पिच पर फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी के बगल में जो खाली कुर्सी रखी गई है, उसे लेकर यह कहना कि जिस तरह भरत ने 14 साल तक श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का राजकाज संभाला, इसी तरह आतिशी भी दिल्ली में सरकार चलाएंगी, इसे भी आम आदमी पार्टी ने राम से जोड़ा है।

केजरीवाल जब-जब जेल से बाहर आए हैं तब-तब उन्होंने पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ हनुमान मंदिर में हाजिरी लगाई है और वह लगातार अपनी सभाओं में कहते रहे हैं कि उनके ऊपर हनुमान और भगवान राम की कृपा है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, मोहल्ला क्लीनिक की बात करने वाले केजरीवाल को आखिर हिंदुत्व की राजनीति के रास्ते पर क्यों चलना पड़ा है। क्यों वह पिछले कुछ सालों से खुद को सबसे बड़ा रामभक्त बता रहे हैं?

इसके अलावा केजरीवाल काफी आक्रामक भी दिख रहे हैं। केजरीवाल ने सबसे पहले यह ऐलान कर लोगों को हैरान कर दिया कि वह मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे। इसे केजरीवाल का बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है।

हिंदू नेता की छवि बनाने की कोशिश

पिछले कुछ सालों के घटनाक्रम को देखें तो यह समझ में आता है कि अरविंद केजरीवाल ने हिंदू नेता की छवि बनाने की कोशिश की है। ऐसे बहुत सारे उदाहरण हमारे सामने हैं जब केजरीवाल और उनकी सरकार के मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राम, हिंदुत्व और राम राज्य की बात की है।

सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का आयोजन

आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली सरकार के बजट को रामराज्य बजट कहा गया। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने से पहले हर मंगलवार को अपने विधानसभा क्षेत्र में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का आयोजन कराया था।

इस साल मार्च में जब आतिशी ने वित्त मंत्री रहते हुए दिल्ली विधानसभा में अपना बजट पेश किया था तो 90 मिनट के भाषण में कम से कम 40 बार राम और राम राज्य का जिक्र किया था। उस दौरान आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया पर केजरीवाल का रामराज्य नाम से हैशटैग भी चलाया था। इसी तरह 2021 में दिवाली के मौके पर एमसीडी के चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की सरकार ने त्यागराज स्टेडियम में अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की 30 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली के बुजुर्गों को पिछले कई सालों से मुफ्त तीर्थ यात्रा भी करा रही है।

राम के वनवास का जिक्र

केजरीवाल ने बीते रविवार को जब जंतर-मंतर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो उन्होंने तिहाड़ जेल में रहने के अपने समय को राम के वनवास से जोड़ा। केजरीवाल ने कहा, ‘जब भगवान राम वनवास से आए थे तो सीता मैया को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी आज मैं अग्निपरीक्षा देने जा रहा हूं।’ केजरीवाल ही नहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के बड़े नेता मनीष सिसोदिया ने भी जंतर-मंतर पर कहा कहा कि वह केजरीवाल के साथ साथ लक्ष्मण की तरह खड़े रहेंगे।

अब बात करते हैं कि आखिर केजरीवाल को हिंदुत्व की राजनीति के रास्ते पर क्यों आना पड़ा है। जबकि दिल्ली में पिछले दो चुनाव उन्होंने विकास के मुद्दे पर ही जीते हैं।

केजरीवाल इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कथित आबकारी घोटाले में जेल जाने के बाद उनके लिए आगे का रास्ता आसान नहीं है। न सिर्फ अरविंद केजरीवाल बल्कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे बड़े नेता भी इस कथित घोटाले में जेल जा चुके हैं। पार्टी अपनी राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट प्रकरण की वजह से भी मुश्किलों में फंसी हुई है।

दिल्ली में सरकार बनाना चाहती है बीजेपी

बीजेपी इस बार दिल्ली में सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है और उसने आम आदमी पार्टी के कई नेताओं और विधायकों को तोड़कर अपने साथ मिलाया है। बीजेपी ने लगातार इस बात को कहा है कि केजरीवाल ही दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले के सरगना हैं। ऐसे में केजरीवाल के सामने मुश्किलें ज्यादा हैं।

2014 में केंद्र में सरकार बनाने के बाद से ही बीजेपी ने हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों को अपने एजेंडा में सबसे ऊपर रखा है। अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण का श्रेय बीजेपी ने मोदी सरकार को दिया। बीजेपी की कोशिश इसके जरिये हिंदू मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की है। दिल्ली में बीजेपी ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को हराने की पूरी कोशिश की लेकिन केजरीवाल के नेतृत्व में उसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।

केजरीवाल को हिंदू विरोधी बताती है बीजेपी

बीजेपी कई बार केजरीवाल को हिंदू विरोधी बता चुकी है। द कश्मीर फाइल्स को लेकर केजरीवाल के बयान को बीजेपी ने मुद्दा बनाया था और कहा था कि केजरीवाल ने सताए गए कश्मीरी हिंदुओं का मजाक बनाया है। बीजेपी के इस फिल्म को टैक्स फ्री किए जाने की मांग पर केजरीवाल ने कहा था कि इस फिल्म को यू ट्यूब पर डाल दिया जाना चाहिए।

दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टी कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी को घेर रही है। केजरीवाल जानते हैं कि इस कथित घोटाले को लेकर बीजेपी ने सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक उनके खिलाफ मजबूत किलेबंदी की है और अगर उन्हें दिल्ली में फिर से सरकार बनानी है और आम आदमी पार्टी को मजबूत करना है तो विकास के मुद्दे के साथ आगे बढ़ते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व पर भी मोर्चा मजबूत करना होगा, वरना दिल्ली का चुनाव जीतना उनके लिए काफी मुश्किल हो सकता है।