ED (Enforcement Directorate) ने गुरुवार रात (21 मार्च, 2024) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिस आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया, उसी मामले में अरबिंदो फार्मा के एक डायरेक्टर पी शरद चंद्र रेड्डी (P Sarath Chandra Reddy) भी आरोपी हैं।

ईडी ने रेड्डी को 10 नवंबर, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले गिरफ्तार किया था। इसके पांच दिन बाद यानी 15 नवंबर, 2022 को अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे थे, जिसे भाजपा ने 21 नवंबर, 2022 को भुनाया।

चंदा देने के कुछ महीने बाद मई 2023 में रेड्डी को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई। एक महीने बाद जून 2023 में ईडी ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट में अर्जी लगाकर बताया कि रेड्डी स्वेच्छा से शराब नीति मामले से जुड़ी अनियमितताओं की जानकारी देने को तैयार हैं, उन्हें ‘सरकारी गवाह’ बना दिया जाए। कोर्ट ने रेड्डी को माफी देते हुए सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी।

इसके बाद कंपनी ने नवंबर 2023 में 25 करोड़ रुपये का चुनाव बॉन्ड खरीदा, जिसे भाजपा ने उसी महीने भुना लिया।

फार्मा कंपनी ने कुल कितना चंदा दिया?

अप्रैल 2021 से नवंबर 2023 के बीच अरबिंदो फार्मा ने 52 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे, इसका 66% (34.5 करोड़ रुपये) भाजपा, 29% तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) और शेष आंध्र प्रदेश स्थित तेलुगु देशम पार्टी को गया।

अरबिंदो फार्मा देश की शीर्ष दवा कंपनियों में से एक है। 2023 में इसने 24,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व कमाया। कंपनी अपने उत्पादों को दुनिया भर के 150 से अधिक देशों में निर्यात करती है। कंपनी का लगभग 90% राजस्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले बिजनेस से आता है।

चुनावी बांड के माध्यम से अरबिंदो फार्मा का चंदा:

तारीखरकम (रु में)पार्टी
3 अप्रैल, 20212.5 करोड़टीडीपी
4 जनवरी, 20223 करोड़भाजपा
8 अप्रैल, 202215 करोड़बीआरएस
2 जुलाई, 20221.5 करोड़भाजपा
15 नवंबर, 20225 करोड़भाजपा
8 नवंबर, 202325 करोड़भाजपा
चन्दा का आंकड़ा

पहले ईडी ने क्या कहा था?

प्रवर्तन निदेशालय ने पहले आरोप लगाया था कि रेड्डी शराब के कारोबार में लगे हुए हैं, उन्होंने उद्यमियों और उत्पाद शुल्क मामले में शामिल राजनेताओं के साथ साजिश रची है। ईडी का मानना था कि रेड्डी शराब नीति से अनुचित लाभ हासिल करने के लिए अनफेयर मार्केट प्रैक्टिस में शामिल थे।

ईडी की शिकायत के अनुसार, आप नेताओं की ओर से इस काम को कर रहे संचार प्रभारी विजय नायर को ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। रेड्डी पर भी पहले इस ग्रुप का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था।

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