FIFA World Cup: कतर में फीफा वर्ल्ड कप 2022 का आगाज हो चुका है। चार साल में एक बार आयोजित होने वाले फुटबॉल के इस महा मुकाबला में कुल 32 टीमों ने हिस्सा लिया है। 20 नवंबर से शुरू हुआ फीफा 18 दिसंबर चलेगा। क्या आप जानते हैं कि सुनहरे खिताब को अपने नाम करने के लिए खिलाड़ी जिस गेंद को लात मार रहे हैं, उसकी कीमत करीब 14,000 रुपये है।

गेंद का भी होता है नाम

फीफा वर्ल्ड कप 2022 में इस्तेमाल हो रहे फुटबॉल (Fifa World Cup balls) का नाम अल रिहला (AL RIHLA) है। जी हां, फीफा में इस्तेमाल होने वाले फुटबॉल का नाम भी होता है। फुटबॉल का नाम मेज़बान देश तय करता है। इस बार मेजबानी कतर को मिली है और उसने गेंद नाम अल रिहला रखा है।

अल रिहला का मतलब होता है द जर्नी (The Journey) अर्थात यात्रा। मैच के दौरान फुटबॉल मैदान के कोने-कोने की यात्रा करता है, शायद इसलिए गेंद का नाम अल रिहला रखा गया है। अल रिहला का संबंध 14वीं शताब्दी के प्रसिद्ध ट्रैवलर इब्न-ए-बतूता से भी है। दरअसल उनकी प्रसिद्ध किताब का नाम रिहला था, जो कि एक यात्रा वृत्तांत है।

कतर से पहले फीफा की मेजबानी रूस के पास थी, तो उसने फुटबॉल का नाम Telstar 18 रखा था। उससे पहले ब्राजील ने Brazuca और साउथ अफ्रीका ने जाबुलानी नाम का इस्तेमाल किया था। 1930 में टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद से ही ब्रांड नेम वाली गेंदें फीफा विश्व कप के इतिहास का हिस्सा रही हैं।

स्मार्ट फुटबॉल है अल रिहला

फीफा का दावा है कि ‘अल रिहला’ टूर्नामेंट के इतिहास के किसी भी अन्य गेंद की तुलना में अधिक फास्ट है। यह दावा कितना सही है, इसका निर्णय आने वाले दिनों में होगा। अल रिहला को एडिडास कंपनी (Adidas) ने बनाया है।

फीफा का कहना है कि अल रिहला के बीचो-बीच Inertial Measurement Unit (IMU) सेंसर का लगाया गया है। यह सेंसर वीडियो ऑपरेशन रूम को एक सेकंड में 500 बार बॉल डेटा भेजता है। इसकी मदद से किक पॉइंट का बहुत सटीक पता लगाया जा सकता है। अल रिहला का डिजाइन (Design Of The World Cup Ball) मेज़बान देश कतर के झंडे से प्रेरित बताया जा रहा है।