केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार (28 सितंबर) की सुबह अधिसूचना जारी कर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके तुरंत बाद एजेंसियों ने PFI की गतिविधियों से जुड़े सबूतों को साझा किया, जिसमें बताया गया कि संगठन के कार्यकर्ताओं के पास से बम बनाने की आसान विधि समेत गजवा-ए-हिंद का प्लान भी पकड़ा गया है।
एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) के PFI नेता मोहम्मद नदीम के पास से एक पुस्तिका मिली है, जिसका शीर्षक- ‘आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके IED कैसे बनाएं’ है। बरामद पुस्तिका एक तरह से बम बनाने का संक्षिप्त कोर्स है। ऐसी ही एक पुस्तिका खादरा (यूपी) के पीएफआई नेता अहमद बेग नदवी के पास भी मिली है।
‘इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्लान’
एजेंसी के एक नोट से पता चलता है कि महाराष्ट्र के PFI उपाध्यक्ष के कब्जे से सैकड़ों आपत्तिजनक सामग्रियों के साथ-साथ ‘मिशन 2047’ से जुड़ा ब्रोशर और सीडी भी बरामद हुआ है, जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने संबंधी कंटेंट है। यूपी के एक पीएफआई नेता से पेन ड्राइव मिला है, जिसमें ISIS, गजवा-ए-हिंद आदि के वीडियो पाए गए हैं।
एक अन्य नोट में बताया गया है कि PFI और उसके विभिन्न फ्रंट देश के 17 से अधिक राज्यों में सक्रिय है। PFI और उससे संबंधित संगठनों के खिलाफ 1300 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
प्रतिबंध संवैधानिक अधिकारों हमला- SDPI
PFI की राजनीतिक पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने प्रतिबंध को संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया है। पार्टी ने कहा है, यह लोकतंत्र और भारतीय संविधान में निहित लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है।
पीएफआई पर प्रतिबंध को AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने गलत बताया है। देखें वीडियो:
दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में PFI पर बैन की वजह, अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से संबंध, कट्टरता, भारत विरोधी एजेंडा आदि को बताया है।
PFI का संबंध बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन और प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से पाया गया है। SIMI के कुछ नेता पीएफआई के संस्थापक सदस्य हैं। साथ ही संगठन के कई सदस्यों का संबंध ISIS जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ रहा है, वे दुनिया भर के कई आतंकवादी घटनाओं में भी शामिल रहे हैं।