हरियाणा में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है और बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी राज्य में धुआंधार चुनाव प्रचार कर रही है। पार्टी ने पिछले 15 दिन में हरियाणा में 45 चुनावी रैलियां की हैं। 90 सीटों वाले हरियाणा प्रदेश में पार्टी इसलिए धुआंधार प्रचार कर रही है क्योंकि उसे उम्मीद है कि वह कुछ सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। आप के नेता हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकारों के द्वारा किए गए कामों को गिनाते हुए राज्य की जनता से एक मौका देने की अपील कर रहे हैं।

बता दें कि हरियाणा से सटे दिल्ली और पंजाब में बड़े बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी की सरकार चल रही है। लेकिन क्या आम आदमी पार्टी वाकई राज्य में अपने धुआंधार चुनाव प्रचार की बदौलत कुछ सीटें झटक पाने में कामयाब होगी?

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर हरियाणा का चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी राज्य में सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।

आप ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया है ऐलान।

चुनाव अभियान में खल रही केजरीवाल की कमी

हरियाणा में आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उसके सबसे स्टार चेहरे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल की सलाखों के पीछे हैं। अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हिसार जिले के सिवानी के रहने वाले हैं और दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद से ही उनका लक्ष्य हरियाणा में जोरदार ढंग से चुनाव लड़ने का था। लेकिन कथित आबकारी घोटाले की वजह से केजरीवाल और पार्टी ऐसा नहीं कर सके।

केजरीवाल पिछले काफी वक्त से जेल में हैं। इसके अलावा पार्टी के बड़े चेहरे मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी लंबे वक्त तक जेल में रहे और इस वजह से पार्टी हरियाणा में बदलाव की कोई बड़ी लहर तैयार करने में कामयाब नहीं हो सकी जबकि दिल्ली और पंजाब में उसने सत्ता में बैठी सरकारों को हटाने का करिश्मा कर दिखाया था।

जेल से बाहर आने के बाद संजय सिंह ने हरियाणा में कई चुनावी रैलियों को संबोधित किया है और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी लगातार चुनावी जनसभाओं में जा रही हैं।

कैसे खत्म होंगी आप की मुश्किलें?(Source- PTI)

सुनीता ने बताया खुद को हरियाणा की बहू

हरियाणा में अपनी चुनावी सभाओं में सुनीता केजरीवाल कई बार खुद को हरियाणा की बहू बता चुकी हैं। वह दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार के द्वारा किए गए कामों को भी गिनाती हैं। सुनीता केजरीवाल मोदी सरकार पर यह कहकर हमला बोलती हैं कि उन्होंने हरियाणा के लाल अरविंद केजरीवाल को साजिश रचकर जेल में डाला हुआ है लेकिन अरविंद केजरीवाल शेर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नहीं झुकेंगे।

पंजाब और दिल्ली से लगते हुए हलकों पर है खास फोकस

संजय सिंह और सुनीता केजरीवाल के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पिछले कुछ दिनों से लगातार हरियाणा में गर्जना कर रहे हैं। याद दिलाना होगा कि हरियाणा में करनाल, अंबाला, कैथल, सिरसा, पंचकूला, कालका, नारायणगढ़, मुलाना, साढौरा, जगाधरी और यमुनानगर में सिख और पंजाबी समुदाय के लोगों की अच्छी खासी संख्या है। भगवंत मान का पूरा फोकस इन्हीं इलाकों में पड़ने वाली विधानसभाओं पर है।

इसके साथ दिल्ली से लगने वाली हरियाणा की सीमा पर फरीदबाद से लेकर गुड़गांव, नजफगढ़ के अलावा बवाना और नरेला के आसपास की सीटों पर भी आम आदमी पार्टी ताकत लगा रही है।

हर‍ियाणा वि‍धानसभा चुनाव 2024: राव नरबीर स‍िंंह, इंद्रजीत स‍िंंह जैसे नेता भाजपा और कुमारी सैलजा, दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के ल‍िए अभी से असहज स्‍थ‍ित‍ि पैदा कर रहे हैं। (Source-FB)

वैश्य मतों से सहारा मिलने की उम्मीद

केजरीवाल ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी की कमान राज्यसभा के पूर्व सांसद सुशील गुप्ता को काफी सोच समझ कर सौंपी है। अरविंदर केजरीवाल और सुशील गुप्ता वैश्य बिरादरी से आते हैं। हरियाणा में कांग्रेस के पास पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह के रूप में क्रमश: जाट और दलित नेता हैं तो भाजपा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली के जरिए ओबीसी और ब्राह्मण कार्ड खेला है।

ऐसे में हरियाणा में अरविंद केजरीवाल ने वैश्य बिरादरी को अपनी ओर लाने की कोशिश करते हुए डॉक्टर सुशील गुप्ता को पहले राज्यसभा भेजा और फिर उन्हें हरियाणा में पार्टी की सरकार बनाने का भी जिम्मा दिया है।

हरियाणा में किस समुदाय की कितनी है आबादी

समुदाय का नाम आबादी (प्रतिशत में)
जाट 25  
दलित21
पंजाबी8
ब्राह्मण7.5 
अहीर5.14
वैश्य5
राजपूत 3.4 
सैनी 2.9 
मुस्लिम3.8 

…हरियाणा के लाल ने

आम आदमी पार्टी की ओर से हरियाणा में उसके संभावित प्रत्याशियों के प्रचार में एक गाना भी जोर-शोर से बजाया जा रहा है। इस गाने के बोल हैं- हरियाणा के लाल ने, एक मौका केजरीवाल ने। इसका मतलब है कि केजरीवाल हरियाणा के बेटे हैं और यहां की जनता ने उन्हें एक मौका जरूर देना चाहिए।

इस गाने के जरिए आम आदमी पार्टी हरियाणा के लोगों को बताना चाहती है कि अरविंद केजरीवाल भले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री हों लेकिन वह मूल रूप से हरियाणा के ही रहने वाले हैं और ऐसे में जब दिल्ली और पंजाब में उनकी पार्टी की सरकार बन चुकी है तो हरियाणा के लोगों को तो उन्हें एक मौका देना ही चाहिए।

5 गारंटियां गिना रही आप

सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में पार्टी के चुनाव अभियान को रफ्तार देते हुए पिछले महीने अरविंद केजरीवाल की पांच गारंटियों के बारे में बताया था। इन गारंटियों में हरियाणा को मुफ़्त और 24 घंटे बिजली, सबको अच्छा और मुफ़्त इलाज, सरकारी स्कूलों में अच्छी और मुफ़्त शिक्षा, सभी माताओं-बहनों को हर महीने 1000 की सम्मान राशि और हर युवा को रोजगार देने की बात कही गई है। पार्टी के नेता बार-बार हरियाणा के लोगों को इन गारंटियों के बारे में बता रहे हैं।

चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय व स्थानीय मुद्दों को उठाया

हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय स्तर के मुद्दों तक को जोर-शोर से उठाया है। संजय सिंह, संदीप पाठक सुनीता केजरीवाल, भगवंत मान सहित तमाम बड़े नेता महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के अलावा पेपर लीक होने के मुद्दे के साथ ही अग्निपथ योजना को भी अपने भाषणों में शामिल करते हैं।

सहयोगी दल का साथ न होना

आम आदमी पार्टी के सामने हरियाणा में एक और बड़ी मुश्किल है- किसी सहयोगी दल का साथ न होना। इस तरह की चर्चा उठी थी कि आम आदमी पार्टी का जेजेपी या इनेलो-बसपा के साथ गठबंधन हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हरियाणा में मुख्य चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच होने के बावजूद आम आदमी पार्टी हरियाणा में इसलिए पूरी ताकत लगा रही है क्योंकि उसे उम्मीद है कि दिल्ली और पंजाब से लगते हुए हलकों में वह इन दोनों राज्यों के कार्यकर्ताओं की बदौलत कुछ सीटों पर जीत सकती है।

बड़ी संख्या में पंजाब और दिल्ली के विधायक इन दिनों हरियाणा में प्रचार कर रहे हैं। लेकिन देखना होगा कि पार्टी को दिल्ली और पंजाब से लगने वाली हरियाणा की सीटों पर कितनी मदद मिलती है?