अनिता कत्याल

न्यूयार्क। अमेरिका में जहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां चल रही हैं वहीं कुछ समूह उनके विरोध में भी कमर कस चुके हैं। मोदी विरोधी समूहों ने वाशिंगटन से लेकर न्यूयार्क तक उनके विरोध की योजना बनाई है।

मोदी रविवार को न्यूयार्क के मशहूर मेडिसन स्क्वायर गार्डन में 18000 भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे। ऐन उसी वक्त एलायंस फॉर जस्टिस एंड एकांउंटेबिलिटी (एजेए) और सिख्स फॉर जस्टिस के कार्यकर्ताओं ने गुजरात में 2002 के दंगों के विरोध में वहां से थोड़ी ही दूर उनके खिलाफ प्रदर्शन की योजना बना रखी है।

इन संगठनों का आरोप है कि मोदी ‘इस्लामोफोबिया’ से पीड़ित हैं और वे मानवता के खिलाफ उनके कथित अपराधों के लिए उन्हें अदालत में घसीटना चाहते हैं। एजेए के साथ जैसे कई अन्य संगठन भी जुड़े हुए हैं और इन्होंने साथ मिलकर ‘कोएलिशन अगेंस्ट जेनोसाइड’ नाम के एक संगठन की स्थापना की थी जिसने गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी को अमेरिकी वीजा की मनाही के लिए सफल अभियान चलाया था। प्रदर्शनकारी मोदी के पीछे पीछे न्यूयार्क से वाशिंगटन जाएंगे जहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से 30 सितंबर को मुलाकात होनी है।

सिख्स फॉर जस्टिस का दावा है कि अमेरिका व कनाडा में उसके लगभग तीन लाख सदस्य हैं। इसने तय किया है कि वह वाइट हाउस के करीब स्थित एक पार्क में मोदी के खिलाफ प्रतीकात्मक सुनवाई का आयोजन करेगा। इसके लिए वाइट हाउस के सामने स्थित प्रेसीडेंट पार्क में एक बनावटी अदालत लगाई जाएगी और इसमें 2002 के दंगों में मोदी के खिलाफ आरोपपत्र भी पेश किया जाएगा। संगठन के कानूनी सलाहकार और मानवाधिकार वकील गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कहा कि वे 2020 में पंजाब में एक रायशुमारी कराने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन वाशिंगटन में उनका प्रदर्शन पूरी तरह से 2002 दंगों में मोदी की भूमिका पर केंद्रित है।
मोदी के समर्थक जहां मेडिसन स्क्वायर में उनकी रैली को यादगार बनाने में जी जान से जुटे हुए हैं, वहीं मोदी विरोधी भी अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

एजेए ने फेसबुक व अन्य साइटों पर ‘ब्लैक फ्लैग्स फॉर विजिटिंग पीएम मोदी’ नाम से संदेश भेजकर लोगों से उनके खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। दूसरी तरफ सिख्स फॉर जस्टिस ने वाशिंगटन में मेट्रो स्टेशनों पर मोदी की यात्रा के खिलाफ बिलबोर्ड लगाए हैं। यह संगठन स्थानीय अखबारों और टेलीविजन चैनलों पर विज्ञापन अभियान भी चला रहा है जिसमें लोगों से मोदी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान है।

पन्नून के मुताबिक सिख यूथ फोरम ऑफ अमेरिका व अमेरिका गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जैसे कुछ अन्य संगठन भी मोदी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों में हमें पूरे अमेरिका व कनाडा से लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

मेडिसन स्क्वायर में मोदी की रैली के आयोजक व इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष भरत बराई का कहना है कि मोदी को अमेरिकी वीजा का मुद्दा अब खत्म हो चुका है। लेकिन एजेए जैसे संगठन इससे सहमत नहीं हैं। इस संगठन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है- भारतीय अमेरिकियों के लिए 28 सितंबर को मोदी का स्वागत करना गुजरात दंगों को विस्मृत करने और जनसंहार व इस्लामोफोबिया को माफ करने जैसा कृत्य होगा। संगठन ने कहा कि मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मोदी को कठघरे में खड़ा होना चाहिए। उसने कहा कि हम मोदी समर्थकों के अंधे व बेशर्म प्रचार का हिस्सा नहीं बन सकते।

संगठन के फेसबुक पेज पर मिस अमेरिका नीना दावुलुरी के नाम भी एक खुली चिट्ठी है जो मेडिसन स्क्वायर में मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने वाली हैं। इसमें कहा गया है कि मोदी हिटलर जैसों की तारीफ करने वाले राष्ट्रवादी हिंदू संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन प्रचारक रहे हैं। ऐसे में आपका उनके स्वागत समारोह में शामिल होना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता।