Bangladesh News in Hindi: बांग्लादेश में हालात अस्थिर हैं। लंबे समय तक बांग्लादेश की कमान संभालने वाली शेख हसीना बिगड़े हालातों के बीच अपनी बहन के साथ देश छोड़कर सुरक्षित जगह पर रवाना हो गई हैं। कहा जा रहा है शेख हसीना भारत के रास्ते यूरोप के किसी देश जा रही हैं। आइए आपको 5 पॉइंट्स में समझाते हैं बांग्लादेश में इस बवाल की पूरी कहानी…
बांग्लादेश में क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?
शेख हसीना को बांग्लादेश में हो रहे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शनों की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। सोमवार को प्रदर्शनकारी ढाका स्थित पीएम आवास में घुस गए। बांग्लादेश में विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। इस सिस्टम के तहत 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़े गए संग्राम में हिस्सा लेने वालों के रिश्तेदारों को 30% सरकारी नौकरियां दी जाती थीं। छात्रों का कहना है कि इस सिस्टम के जरिए शेख हसीना और उनकी पार्टी अपने वफादारों को फायदा पहुंचाती हैं।
मां-बाप और तीन भाइयों की हत्या, जानें कौन हैं शेख हसीना, मानी जाती हैं भारत की करीबी
बांग्लादेश में बवाल कैसे शुरू हुआ?
बांग्लादेश में प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुए और तब से अब तक इस बवाल में करीब 300 लोग मारे जा चुके हैं। शुरुआत में ये प्रोटेस्ट सिविस सेवा में कोटा के खिलाफ शुरू हुआ खा लेकिन बाद में इसने सरकार विरोधी रूप ले लिया और प्रदर्शनकारी पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बांग्लादेश में प्रदर्शन के बीच 15 जुलाई को झड़पें शुरू हो गईं, जिसके बाद सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज और सेकेंडरी स्कूल अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए। 16 जुलाई को और भी भयंकर झड़पें हुईं और इसके बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश को संबोधित किया और हत्याओं की न्यायिक जांच की घोषणा की। हालांकि इसके बाद भी हिंसा कम नहीं हुई। बांग्लादेशी सरकार ने 20 जुलाई को राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया और सेना को तैनात कर दिया।
इसके बाद 23 जुलाई को सरकार की तरफ से एक सर्कुलर जारी कर कहा गया कि कोटा सिस्टम में बदलाव किए जाएंगे लेकिन प्रदर्शनकारी इसपर राजी नहीं हुए। इसके बाद सरकार ने रेड तेज कर दीं और गिरफ्तारियां की जानें लगी। इसी दौरान यूएन की तरफ से बांग्लादेश सरकार से कहा गया कि वो प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार न करे और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करे। 29 जुलाई के बाद से प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध और तेज कर दिया।
बांग्लादेश में अब क्या हो रहा?
बांग्लादेश में रविवार को बहुत जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान जमकर हिंसा भी हुई, जिसमें सौ से ज्यादा लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और सरकार विरोधियों के बीच जमकर झड़पें हुईं। सोमवार को कुछ प्रदर्शनकारी ढाका स्थित पीएम आवास में घुस गए। सोमवार को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी। देश भर में विरोध प्रदर्शनों के बीच जनरल ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से गोली न चलाने को कहा है।
शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद क्या हुआ?
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए। बांग्लादेश से आई तस्वीरों में प्रदर्शनकारी पीएम के सरकारी आवास के अंदर नजर आए। हालांकि उस समय शेख हसीना वहां से निकल चुकी थीं। तस्वीरों में प्रदर्शनकारी पीएम के आधिकारिक आवास ‘गणभवन’ में तोड़फोड़ और लूटपाट करते हुए दिखाया गया है।
यहां जानिए बांग्लादेश से जुड़े लाइव अपडेट्स
y
प्रदर्शनकारियों में से कई लोग गणभवन का सामान लेकर जाते भी नजर आए औऱ कुछ शेख हसीना के पिता एवं 1971 के मुक्ति संग्राम के नायक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा पर चढ़ते और हथौड़ों से उसे तोड़ते हुए नजर आए। धानमंडी और ढाका में हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया और सरकार विरोधी नारे लगाए। उन्होंने राजधानी में गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल के आवास पर भी हमला किया और तोड़फोड़ की। उनके घर से धुआं निकलता भी देखा गया।
प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने क्या कहा?
ढाका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद लोगों और छात्रों से धैर्य व अनुशासन बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश कहा, “हम अभी सेना प्रमुख के साथ चर्चा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने हमारे छात्रों और लोगों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को समझ लिया है।”