US Visa Rule: नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक सेफ्टी को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने कहा कि स्टूडेंट वीजा के लिए सभी आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करने होंगे।

नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भारतीय स्टूडेंट्स और दूसरे वीजा आवेदकों को इसे लेकर साफ-साफ न‍िर्देश दे द‍िए हैं। ये नया नियम F, M और J नॉन-इमिग्रेंट वीजा के लिए है ताकि बैकग्राउंड चेक में कोई कमी न रहे। ये कदम डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के उस फैसले के बाद आया है जब पिछले महीने स्टूडेंट वीजा प्रोसेसिंग को कुछ समय के लिए रोका गया था।

अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को कहा कि तुरंत प्रभाव से F, M या J नॉन-इमिग्रेंट वीजा के लिए आवेदन करने वाले सभी व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट की गोपनीयता सेटिंग्स को ‘सार्वजनिक’ कर दें, ताकि अमेरिकी कानून के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका में उनकी पहचान और स्वीकार्यता स्थापित करने के लिए आवश्यक जांच की जा सके।

F श्रेणी का वीज़ा (F-1) उन छात्रों को जारी किया जाता है जो शैक्षणिक अध्ययन करना चाहते हैं। M श्रेणी का वीज़ा (M-1) उन लोगों को जारी किया जाता है जो व्यावसायिक या अन्य गैर-शैक्षणिक अध्ययन करना चाहते हैं। जबकि J श्रेणी का वीज़ा (J-1) उन लोगों को जारी किया जाता है जो कुछ सप्ताह से लेकर कई वर्षों तक की अवधि के लिए पढ़ाना, अध्ययन करना, अनुसंधान करना या नौकरी पर प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं।

क्या हैं F, M और J वीजा

F वीजा: यूनिवर्सिटी, कॉलेज या एकेडमिक संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए।
M वीजा: टेक्निकल या वोकेशनल स्कूलों में पढ़ने वालों के लिए।
J वीजा: सांस्कृतिक और शैक्षिक एक्सचेंज प्रोग्राम्स में हिस्सा लेने वालों के लिए।

पिछले महीने अमेरिकी प्रशासन ने अपने दूतावासों से छात्र वीजा के लिए नियुक्तियां बंद करने को कहा था, क्योंकि इससे आवेदकों के सोशल मीडिया पोस्ट की जांच बढ़ गई है।

18 जून को छात्र वीज़ा साक्षात्कारों को फिर से शुरू करने की घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि आवेदकों को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को सार्वजनिक करना होगा ताकि वाणिज्य दूतावास अधिकारी उनकी जांच कर सकें और उसके अनुसार प्रवेश या “अस्वीकृति” की अनुमति दे सकें। इसका प्रभावी रूप से मतलब है कि सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट और कोई भी राजनीतिक विचार जो प्रतिकूल माना जाता है, यह तय कर सकता है कि वे अमेरिका में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं या नहीं।

इसने कहा कि यह अपनी वीज़ा प्रक्रिया के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखेगा। इसमें आगे कहा गया है कि हम अपनी वीज़ा स्क्रीनिंग और जांच में सभी उपलब्ध जानकारी का उपयोग उन वीज़ा आवेदकों की पहचान करने के लिए करते हैं जो अमेरिका में प्रवेश के लिए अयोग्य हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। नए मार्गदर्शन के तहत, हम F, M और J गैर-आप्रवासी वर्गीकरण में सभी छात्र और एक्सचेंज विज़िटर आवेदकों की ऑनलाइन उपस्थिति सहित व्यापक और गहन जांच करेंगे।

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अमेरिकी दूतावास ने कहा कि यह नियम सभी देशों के लिए अनिवार्य है और 2019 से अमेरिका ने वीजा आवेदकों को अप्रवासी और गैर-आप्रवासी वीजा आवेदन पत्रों पर सोशल मीडिया पहचानकर्ता प्रदान करना आवश्यक कर दिया है।

2023-24 में भारतीय छात्रों ने अमेरिका में 3.31 लाख नामांकन के साथ अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह बनाया। इनमें से 1.96 लाख यानी लगभग 60% स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर रहे थे। 2023 में भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की टीम ने 140,000 से ज़्यादा छात्र वीज़ा जारी किए थे, जो दुनिया के किसी भी दूसरे देश से ज़्यादा है, और लगातार तीसरे साल रिकॉर्ड बनाया। 2024 में भारतीयों को 86,110 F-1 छात्र वीज़ा जारी किए गए। वहीं, ईरान-इजरायल युद्ध के बीच ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान किया है। पढ़ें…पूरी खबर।