Iran Oil Trade: अमेरिका ने भारत की चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका ने यह कार्रवाई ईरान के कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार और परिवहन में कथित रूप से शामिल होने की वजह से की है। यह कदम ट्रंप प्रशासन के ‘अधिकतम दबाव अभियान’ (Maximum Pressure Campaign) का हिस्सा है। इसके तहत अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) और अमेरिकी विदेश विभाग ने कई देशों में 30 से अधिक व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। यह पहली बार नहीं है जब भारतीय कंपनियों को अमेरिका की ओर से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, ये चार भारतीय कंपनियां- नवी मुंबई स्थित फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी, एनसीआर स्थित बीएसएम मरीन एलएलपी और ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, और तंजावुर स्थित कॉसमॉस लाइंस इंक हैं।
इन चार में से तीन कंपनियों पर उन जहाजों के व्यावसायिक या तकनीकी प्रबंधक के रूप में काम करने पर कार्रवाई की गई है, जो कथित तौर पर ईरानी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का ट्रांसपोर्ट कर रहे थे। जबकि, कॉस्मोस लाइंस को ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में शामिल होने के कारण कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
OFAC ने क्या कहा?
OFAC ने कहा कि जिन व्यक्तियों और कंपनियों पर कार्रवाई की गई है, उनकी गतिविधियां ईरान को अस्थिर करने वाले कामों को वित्तीय मदद देती हैं। आज जिन जहाजों को प्रतिबंधित किया गया है, वे करोड़ों डॉलर मूल्य के कच्चे तेल की शिपिंग के लिए ज़िम्मेदार हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ‘ईरान की सरकार अपने परमाणु खतरे, बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और आतंकवादी समूहों के समर्थन के जरिए वैश्विक सुरक्षा को अस्थिर कर रही है। ईरान के तेल निर्यात को कई देशों में फैले अवैध शिपिंग नेटवर्क के माध्यम से अंजाम दिया जाता है, जो छिपे हुए तरीकों से एशिया में खरीदारों को तेल बेचते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की ‘अधिकतम दबाव अभियान’ नीति के तहत अमेरिका ऐसे नेटवर्क पर कार्रवाई कर रहा है, जिससे ईरान को मिलने वाले राजस्व को रोका जा सके।’
पहले भी प्रतिबंध लगा चुका है अमेरिका
इससे पहले भी भारतीय कंपनियों को अमेरिका की ओर से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है। अक्टूबर में भारत की ‘गब्बारो शिप सर्विसेज’ पर ईरानी तेल के परिवहन में शामिल होने के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे। इसी तरह, अगस्त और सितंबर में, भारत की तीन शिपिंग कंपनियों को रूस के आर्कटिक एलएनजी 2 परियोजना से (LNG) के परिवहन में शामिल होने के आरोपों के चलते अमेरिका ने प्रतिबंधित किया था।
अमेरिका ईरानी तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के अवैध व्यापार पर लगाम लगाने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रहा है। भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने से यह पता चलता है कि अमेरिका उसे नुकसान पहुंचाने वाले व्यापार को रोकने के लिए सख्त नीति अपना रहा है।
सख्त रूख दिखा रहा ट्रंप प्रशासन
अपने दूसरे कार्यकाल में डोनाल्ड ट्रंप काफी सख्त रुख अपना रहे हैं। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों को बाहर भेजने के साथ ही ट्रंप प्रशासन टैरिफ को लेकर भी कड़ा रूख अपना रहा है। ट्रंप प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई ऐसे वक्त में की गई है जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे और वहां उनकी डोनाल्ड ट्रंप से काफी गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई थी।
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