अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान की स्थिति पर हर एक दिन कड़ी नजर रखता है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को दोहराया कि उन्होंने दो एशियाई पड़ोसियों के बीच तनाव को टालने में मदद की है। एनबीसी न्यूज से बात करते हुए रुबियो ने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष-विराम कभी भी टूट सकता है।
रुबियो ने कहा, “संघर्ष विराम की जटिलताओं में से एक है उसे बनाए रखना, जो बहुत मुश्किल है। हम हर दिन पाकिस्तान और भारत के बीच क्या हो रहा है, इस पर नजर रख रहे हैं।” अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि हम बहुत भाग्यशाली और धन्य हैं और हमें एक ऐसे राष्ट्रपति के लिए आभारी होना चाहिए जिन्होंने शांति को अपने प्रशासन की प्राथमिकता बनाया है। हमने इसे कंबोडिया और थाईलैंड में देखा है। हमने इसे भारत-पाकिस्तान में भी देखा है।”
ट्रंप ने बार-बार सीजफायर का दावा दोहराया
10 मई को जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए सहमत हो गए, तब से उन्होंने अपने इस दावे को लगभग 40 बार दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को टालने में मदद की। उन्होंने कहा कि दोनों परमाणु संपन्न देशों से कहा कि अगर संघर्ष रोक दें तो अमेरिका उनके साथ व्यापार करेगा।
भारत ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज किया है और कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओं की बातचीत के बाद सीजफायर किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की सैन्य प्रतिक्रिया पूरी तरह से उसका अपना फैसला था और उस पर किसी बाहरी दबाव का सामना नहीं करना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा है कि किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ सीजफायर कराने में किसी तीसरे पक्ष का दखल नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य कार्रवाई को रोकना व्यापार से जुड़ा नहीं था, जैसा कि ट्रंप ने दावा किया है। सीजफायर में शामिल थे भारत-पाकिस्तान के दो ‘स्मार्ट नेता’, अपने पिछले बयानों से क्यों पलट गए डोनाल्ड ट्रंप?