दुनियाभर में हथियार बेचने के मामले में पिछले साल अमेरिका और चीन की कंपनियों का दबदबा रहा। SIPRI रिसर्च इंस्टीट्यूट ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी। खास बात है हथियार बेचने वाली 25 बड़ी कंपनियों में पहली बार मध्य पूर्व के देश ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनियों ने 2019 में विश्व में 61 फीसदी हथियारों की सप्लाई दी। चीन ने 15.7 फीसदी हथियार बेचे।

विश्व की टॉप 25 हथियार कंपनियों की ब्रिकी 2019 में 8.5 फीसदी बढ़कर 361 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। ये आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के वार्षिट बजट का 50 गुना है। रिपोर्ट के मुताबिक हथियार निर्माताओं में अमेरिका छह और चीन की तीन कंपनियां टॉप 10 में हैं। लिस्ट में ब्रिटेन की बीएई सिस्टम सातवें स्थान पर है।

SIPRI के हथियार और सैन्य खर्च प्रोग्राम डायरेक्टर लूसी बेरूद-सुद्रेयू ने बताया कि हथियारों की वैश्विक ब्रिकी के मामले में अमेरिका और चीन दो बड़े देश हैं। उनके मुताबिक इस बाजार पर दशकों से अमेरिका दबदबा रहा है। मगर चीन इस मामले में अब अमेरिका को टक्कर देने की कोशिश में है। चीनी हथियार बनाने वाली कंपनियों ने पिछले साल करीब पांच फीसदी अधिक ब्रिकी दर्ज की।

विश्व में हथियार बेचने वाली टॉप कंपनियों में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन, रेथियॉन और जनरल डायनामिक (सभी अमिरिकी) हैं। इसी तरह चीन की एवीआईसी, सीईटीसी और नोरिनको छठे, आठवें और नौवें स्थान पर हैं। अमेरिकी L3 हैरिस टेक्नोलॉजीज दसवें स्थान पर है।

खास है कि 25 कंपनियों की लिस्ट में मिडल ईस्ट की एक कंपनी शामिल हुई है। ये कंपनी संयुक्त अरब अमीरात की EDGE है जिसें साल 2019 ही स्थापित किया गया था। EDGE लिस्ट में 22वें स्थान पर है। लिस्ट में रूस की कंपनी अल्माज एनटी 15वें और यूनाइटेड शिपबिल्डिंग 25वें स्थान पर हैं।