पाकिस्तान में हालात अच्छे नहीं हैं। स्थितियां दिन पर दिन बिगड़ती जा रही हैं। राजनीतिक अस्थिरता से इमरान सरकार संकट में है तो दूसरी तरफ विपक्ष में भी आपसी टकराव से एकजुटता की स्थिति नहीं बन पा रही है। पाकिस्तान संसद भंग करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट का कहना है कि सभी पक्ष सामने आएं तभी उस पर फैसला हो सकता है। एक पक्ष को सुनकर फैसला नहीं सुनयाया जा सकता है।

ताजा हालात यह है कि इमरान खान सरकार के सूचना और प्रसारण मन्त्री फवाद चौधरी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों से ही भिड़ गए। पत्रकारों ने जब मंत्री से पूछा कि फराह खान कैसे देश से बाहर भाग गईं तो वह भड़क उठे और बहस करने लगे।

उन्होंने पत्रकारों को “पैसे लेकर काम करने और किराए पर बुलाए गए” जैसे शब्द बोले। इसको लेकर उनकी पत्रकारों से काफी बहस हो गई। इससे वहां हंगामा मच गया। पत्रकारों ने मंत्री से माफी मांगने को कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया और प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद पत्रकार नारेबाजी करने लगे। कहा कि सरकार की गुंडागर्दी नहीं चलेगी।

फराह खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी की करीबी दोस्त हैं। जिन पर आरोप है कि वह पैसे लेकर अफसरों को मनचाहा तबादला और तैनाती कराती हैं। देश की विपक्षी पार्टियों का कहना है कि उन्होंने अफसरों से मोटी रकम वसूली हैं और तकरीबन छह अरब पाकिस्तानी रुपयों का घोटाला किया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि वह 90 हजार डॉलर लेकर देश से बाहर चली गई हैं। उनकी एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह विमान में बैठी हुई है।

दूसरी तरफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की नेता मरियम नवाज का कहना है कि देश के ताजा हालात के लिए इमरान खान जिम्मेदार हैं। कहा कि इमरान खान को चुनाव नहीं अब जेल जाने की तैयारी करनी चाहिए। कहा कि वह संविधान के खिलाफ काम करके देश को बर्बाद कर रहे हैं। कहा कि वह देश को बेच रहे हैं और यहां से रुपये बाहर भेज रहे हैं।

हाल ही में सियासी संकट को देखते हुए इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अलवी से नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश कर दी। इस पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। इसके बाग वहां 90 दिन में चुनाव कराए जाने की बात कही गई, लेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग तीन महीने में नए सिरे से आम चुनाव करा पाने से इंकार कर दिया।

दूसरी तरफ नेशनल असेंबली भंग करने पर विपक्ष भड़क उठा और वह सुप्रीम कोर्ट चला गया। इस पर सुनवाई अभी जारी है। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक कोई भी सरकार पांच साल पूरा नहीं कर सकी है। इमरान खान सरकार का कार्यकाल अगस्त 2023 में पूरा होना था, लेकिन सियासी संकट की वजह से वह डेढ़ साल पहले ही गिर गई।