संयुक्त राष्ट्र
भारत ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर अलग-अलग समूहों के बीच अंतर कम करने में सफलता हासिल की है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक स्टडी में यह बात कही है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्था ने कहा है कि भारत के इस प्रयोग को अन्य देश भी अपना सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने असमानता को कम करने के लिए मोबाइल तकनीकों को आधार आइडेंटिफिकेशन सिस्टम के साथ लागू किया है। इसे भविष्य में अन्य देशों में भी लागू किया जा सकता है। यूएन डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक ऐंड सोशल अफेयर्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे भारत ने डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर समावेशी विकास को बढ़ाने का काम किया है।

रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने लिखा है कि भारत के प्रयोग से यह साबित हुआ है कि कैसे मोबाइल डिजिटल तकनीक को अन्य तकनीकों के साथ मिलाकर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच के मामले में गैर-बराबरी को दूर किया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि भारत ने फाइनेंशियल अकाउंट्स तक हर वर्ग के लोगों की पहुंच को संभव बनाने का काम किया है। इसके अलावा उचित दरों पर बिजली की सप्लाई से भी डिजिटल अभियान को गति मिली है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मौजूदा दौर में कई विकासशील देश डिजिटल आईडी सिस्टम तैयार करने में जुटे हैं।