अमेरिका के मध्य फ्लोरिडा में झील के ऊपर मंगलवार को दो विमान आपस में टकरा गए। अभी तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। विंटर हेवन स्थित लेक हार्ट्रिज में हुए हादसे में लापता लोगों की तलाश के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। कितने लोग हादसे का शिकार बने अभी तक ये पता नहीं लग सका है।

पॉल्क काउंटी शेरिफ कार्यालय के प्रमुख स्टीव लेस्टर ने बताया कि हादसा ऑरलैंडो से 65 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम स्थित विंटर हेवन में हुई। एविएशन मिनिस्ट्री ने दुघर्टनग्रस्त एक विमान की पहचान ‘पाइपर जे3 फ्लोप्लेन’ के तौर पर की है। जबकि दूसरे विमान के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिली है। उन्हें इस बारे में भी जानकारी नहीं मिली है कि विमान में कितने लोग सवार थे। विमान ने कहां से उड़ान भरी थी, इसका भी कोई पता नहीं लग सका है।

मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि झील के ऊपर आसमान में दो प्लेन आपस में टकराकर पानी में समा गए। एक प्लेन पानी में सात मीटर नीचे पहुंच गया। जबकि दूसरे की टेल पानी के ऊपर दिख रही थी। प्लेन जब आपस में टकराए तब जोरदार धमाका हुआ। आसपास मौजूद लोगों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो एक व्यक्ति का शव ही बरामद कर सकी। पानी के भीतर सर्च ऑपरेशन तत्काल शुरू नहीं कराया जा सका।

हरियाणा का चरखी दादरी में 27 साल पहले दिखा था भयावह मंजर

हरियाणा का चरखी दादरी भारत के इतिहास के सबसे भयंकर विमान हादसे का गवाह है। 27 साल पहले गांव टिकाण कलां में कार्गो और पैसेंजर प्लेन में टक्कर हो गई थी। हादसा नवंबर 1996 की शाम को हुआ था।  हादसे में 349 लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे को दुनिया की प्रमुख हवाई दुर्घटनाओं में शामिल किया जाता है। सऊदी अरेब एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो हवाई जहाज आसमान में टकरा गए थे। भीषण हादसे के बाद लगभग 10 किलोमीटर तक मलबा गिरा था। हादसे इतना जबरदस्त था कि लाशें रखने के लिए दादरी का सरकारी अस्पताल परिसर भी छोटा पड़ गया था। दुर्घटना में भारत के 231, सऊदी अरब के 18, नेपाल के 9, पाकिस्तान के 3, अमेरिका के 2 नागरिक की मौत हुई थी। 84 लोगों की पहचान नहीं हो पाई थी।