जुर्म की दुनिया में एक से बढ़कर एक अपराधी हुए, जो अपने निर्मम अपराधों के चलते दुनिया भर में कुख्यात हो गए। आज हम उन्हीं कुख्यात अपराधियों की लिस्ट में शामिल एक खतरनाक सीरियल किलर (Serial Killer) की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। इस हत्यारे ने अपनी जिंदगी में पहले क़त्ल को तब अंजाम दिया, जब उसकी उम्र महज 21 साल थी और यह बात आज से करीब 45 साल पहले की है।

इसके बाद तो जैसे इस कातिल के सिर पर क़त्ल का भूत सवार हो गया और महज चार साल (1974-1978) के अंदर ही चार बेक़सूर लोगों को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन अब यह खतरनाक सीरियल किलर अपनी उम्र के 68 वें पड़ाव पर है और हमेशा के लिए अंडरग्राउंड बने कांच के बक्से में कैद है। यह सुनकर आपको अजीब लगा होगा कि आखिर कौन सा ऐसा अपराधी था जिसे ऐसी सजा दी गई। हम बात कर रहे है कि जुर्म की दुनिया के सबसे खतरनाक सजायाफ्ता कातिल रॉबर्ट मौडस्ले (Robert Maudsley) की।

बता दें कि बीते दिनों ही क्रिसमस के मौके पर रॉबर्ट ने जेल प्रशासन को एक पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उसे अन्य कैदियों के साथ त्योहार मनाने दिया जाए। ऐसे में प्रशासन ने रॉबर्ट के इस निवेदन पर पहले कुछ दिन विचार किया फिर उसके बाद यह कहकर उसकी दलील ठुकरा दी कि वह बहुत ही खूंखार हत्यारा है।

साल 1983 से कांच के बक्से में बंद है रॉबर्ट

साल 1983 में रॉबर्ट को गिरफ्तार किया गया तभी से उसे अकेले इस अंडरग्राउंड कांच के बक्सेनुमा (Underground Glass Box) हवालात में कैद कर रखा गया है। रॉबर्ट को इस जेल में अकेले रखने के पीछे जेल प्रशासन का तर्क है कि वह नहीं चाहते कि रॉबर्ट के कारण किसी और कैदी को मुश्किलों का सामना करना पड़े।

रॉबर्ट ने अपनी पत्नी को भी उतार दिया था मौत के घाट

न्यूज़ वेबसाइट ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, लिवरपूल शहर के रहने वाले क्रूर मुजरिम रॉबर्ट को इस समय पश्चिमी यॉर्कशायर की जेल में रखा गया है। उसने जिन चार बेक़सूर लोगों को मौत के घाट उतारा था, उन चार में से एक इसकी पत्नी भी थी। बताते है कि रॉबर्ट के क्रूर कामों की दास्तान आज भी ब्रिटेन (Great Britain) के हर बच्चे के जुबान पर रटी हुई है। रॉबर्ट 24 घंटे में से करीब 23 उसी बंद जेल में गुजारता है।

सिर्फ रॉबर्ट के लिए ही बनाई है यह स्पेशल जेल

अतीत में खतरनाक व क्रूर तरीकों से घटनाओं को अंजाम देने के कारण ही रॉबर्ट मौडस्ले को इस विशेष जेल में रखा गया है। पश्चिमी यॉर्कशायर (West Yorkshire) में जमीन के अंदर बनी 5.5X4.5 साइज की इस कांच की बक्सेनुमा सेल को साल 1983 में ही बनवा दिया गया था। पूरी तरह से बुलेट प्रूफ कांच (Bullet Proof) से तैयार इस सेल में केवल रॉबर्ट ही अपनी बची हुई जिंदगी गुजार रहा है।

जब हाल ही के दिनों में रॉबर्ट ने बाकी कैदियों के साथ क्रिसमस मनाने का निवेदन किया था, तभी जेल प्रशासन ने कह दिया गया था कि ‘अब वह मरने के बाद ही इस जेल से बाहर आ पाएगा।’