तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का नाम एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियों में दिखाई दे रहा है। हालांकि मुल्ला उमर की मौत काफी पहले बीमारी की वजह से हो चुकी है। सोशल मीडिया पर भी मुल्ला उमर की चर्चा शुरू हो गई है तो चलिए आपको बता दें इसके पीछे की वजह। तालिबानी लड़ाकों ने अपने आका मुल्ला उमर की वो कार 21 सालों के बाद खोद निकाली है जिससे वो अमेरिकी सेना से बचने के लिए भागा था और कंधार से जाबुल प्रांत आया था। यहां आने के बाद तालिबानी लड़ाकों ने इस कार को जमीन में दबा दिया था और खुद फरार हो गया था।

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दक्षिणी अफगानिस्तान के जाबुल प्रांत में एक खुदाई के दौरान इस सफेद रंग की टोयोटा कोरोला कार निकाली गई है। पहले इस कार को एक अज्ञात जगह पर जमीन के नीचे खोद कर गाड़ दिया गया था। एनबीसी न्यूज के मुताबिक मंगलवार को इसके बारे में पता चल गया और गृह मंत्रालय के एक अधिकारी मौलवी अरिफुल्ला ने मीडिया से बातचीत में बताया, “यह कार हमारे दिवंगत सर्वोच्च नेता की है और इसे एक म्यूजियम में रखा जाएगा।”

अमेरिकी हमले के बाद इसी कार से भागा था मुल्ला उमर
अमेरिकी सेना के डर से कि कहीं वो इस कार को ढूंढ ना लें और फिर मुल्ला उमर को भी ना ढूंढ लें इस वजह से मुल्ला उमर ने इस कार को जमीन के नीच गाड़ दिया था। जानकारी के मुताबिक अब इस कार को अफगानिस्तान के नेशनल म्यूजियम में रखा जाएगा। साल 2001 में 9/11 हमले के बाद मुल्ला उमर इसी कार से भागा था ये कार अमेरिकी सेना की निगाहों में थी अमेरिका ने 9/11 हमले के बाद अफगानिस्तान पर हमला बोल दिया था। जिसके बाद मुल्ला उमर इधर-उधार भागा-भागा फिर रहा था। वो इसी कार से भागकर जाबुल तक आया था। ये कार पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि ये प्लास्टिक के एक बैनर से ढंककर जमीन में गाड़ी गई थी।

कौन था मुल्ला उमर, कब की तालिबान की स्थापना?
अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में मुल्ला उमर का जन्म साल 1960 में हुआ था। साल 1980 में सोवियत देशों के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा लिया था इस दौरान मुल्ला उमर की एक आंख में गोली लगी थी जिसकी वजह से एक आंख से ही देख पाता था मुल्ला उमर। सोवियत की लड़ाई के बाद मुल्ला उमर ने साल 1994 में तालिबान की स्थापना की और हिंसात्मक तरीके से साल 1996 में उसने अफगानिस्तान की सत्ता हथिया ली। साल 2001 में अमेरिका पर किए गए हमले के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला बोला तब तालिबान को सत्ता छोड़कर भागना पड़ा।

साल 2013 में तालिबान संस्थापक की बीमारी से हो गई थी मौत
साल 2013 में लंबी बीमारी के बाद मुल्ला उमर की मौत हो गई थी। हालांकि तालिबानी लड़ाकों ने इस बात को छिपाकर रखा था कि उसकी मौत हो गई है। मुल्ला उमर की मौत की बात तालिबानी कमांडरों ने साल 2015 तक छिपाए रखी। दुनिया के सामने इस बात की जानकारी कि मुल्ला उमर की मौत हो चुकी है साल 2015 के बाद सामने आई।