अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक हैरान कर देने वाला बयान दिया है। उनकी तरफ से कह दिया गया है कि अलकायदा के खतरे को कम करने में उन्हें तालिबान का पूरा सहयोग मिल रहा है। अब ये बयान हैरान इसलिए करता है क्योंकि पिछले महीने ही यूएन की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि तालिबान और अलकायदा की सांठगांठ काफी मजबूत है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि वो रिपोर्ट झूठी थी या फिर राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा दिया गया ये बयान?
बाइडेन के किस बयान पर बवाल?
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वॉशिंगटन को अफगानिस्तान के तालिबान से अलकायदा के खतरे को खत्म करने में पूरी मदद मिल रही है। इससे पहले जो रिपोर्ट छपी थी, उसमें लिखा गया था कि अफगानिस्तान की धरती पर अलकायदा अपनी ऑपरेशनल ताकत को बढ़ाने का काम कर रहा है। अब क्योंकि इस रिपोर्ट से इतर बाइडेन ने बयान दे दिया, ऐसे में सवाल पूछा गया कि क्या अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का वापस लौटना गलत फैसला था?
इस सवाल पर जो बाइडेन ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। आपको याद भी है मैंने अफगानिस्तान पर क्या बोला था। मैंने कहा था कि अलकायदा वहां नहीं होगा। मैंने कहा था कि हमे तालिबान से मदद मिलेगी। अब क्या हो रहा है?, अपनी प्रेस ध्यान से पढ़िए, मैं पूरी तरह सही था। अब सफाई के तौर पर जरूर राष्ट्रपति बाइडेन ये बयान दे रहे हैं, लेकिन क्योंकि उन्होंने यूएन की रिपोर्ट को ही गलत साबित कर दिया है, ऐसे में सवाल तो उन पर उठ रहे हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान राज, अमेरिका की भूल?
जानकारी के लिए बता दें कि तालिबान ने दो साल पहले अफगानिस्तान पर फिर अपना कब्जा जमा लिया था। जिस समय उसकी तरफ से ये सब किया जा रहा था, अमेरिकी फौज को वापस देश लौटने का फरमान सुना दिया गया था। कुछ जानकार मानते हैं कि अमेरिकी के उस एक फैसले ने ही तालिबान को इतनी हिम्मत दी थी कि वो फिर सरकार बनाने में कामयाब हो गया।