पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को पाकिस्तान और चीन को सख्त संदेश दिया। उन्होंने दोनों देशों को साफ तौर पर कहा कि आतंकवाद और विकास साथ-साथ नहीं हो सकते हैं। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को भारतीय संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया। जयशंकर ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट्स से क्षेत्रीय अखंडता प्रभावित होती है और भारत इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाला यह प्रोजेक्ट भारत के लिए चिंता का विषय है।

परस्पर सम्मान और संप्रभुता का महत्व

जयशंकर ने जोर देकर कहा कि एससीओ के सदस्य देशों का सहयोग परस्पर सम्मान और संप्रभुता पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि यदि क्षेत्रीय अखंडता को मान्यता नहीं दी जाएगी, तो सहयोग वास्तविक नहीं हो सकता। भारत किसी भी प्रकार के एकतरफा एजेंडे को मान्यता नहीं देता है।

आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद को खत्म करने की प्राथमिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में इन तीनों चुनौतियों से निपटना आवश्यक है। एससीओ के चार्टर के प्रति पूरी प्रतिबद्धता दिखाते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि इन खतरों का खात्मा जरूरी है।

आतंकवाद से व्यापार पर असर

जयशंकर ने कहा कि जब तक आतंकवाद और उग्रवाद जैसी गतिविधियां जारी रहेंगी, तब तक व्यापार और ऊर्जा प्रवाह में बाधा उत्पन्न होगी। उन्होंने पाकिस्तान और चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि सीमा पार से होने वाली गतिविधियों को रोके बिना क्षेत्र में शांति और विकास संभव नहीं है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने एससीओ में वास्तविक साझेदारी के निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित सहयोग ही आगे बढ़ सकता है। भारत का मानना है कि अगर सदस्य देश वैश्विक प्रथाओं का सही तरह से पालन नहीं करेंगे, तो विकास की गति धीमी हो जाएगी।

एस जयशंकर ने नौ वर्षों में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री होने का गौरव हासिल किया। इससे पहले 2015 में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था। जयशंकर की इस यात्रा ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई चर्चा को जन्म दिया है, खासकर आतंकवाद पर भारत के रुख को लेकर।