यूक्रेन पर हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र की ह्यूमन राइट्स काउंसिल से बाहर किए गए रूस में फिर से अपनी जगह वापस पाने के लिए मशक्कत शुरू कर दी है। आज यानि मंगलवार को जिनेवा में सदस्यता को लेकर मतदान होना है। रूस को अपनी जगह वापस पाने के लिए बुल्गारिया और अल्बानिया से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। रूसी राजदूत का कहना है कि अमेरिका हर संभव कोशिश कर रहा है जिससे वो इस ढांचे में ना लौट सके।
संयुक्त राष्ट्र में मास्को के प्रतिनिधि वेसिली नेंबेजिया का कहना है कि काउंसिल के 193 सदस्य देशों को अमेरिका की तरफ से पत्र लिखे गए हैं। जो बााइडन का देश कोशिश कर रहा है कि काउंसिल में रूस को फिर से आने से रोका जा सके। उनका कहना है कि ये घटिया राजनीति है। नेंबेजिया ने सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में कहा कि अमेरिका को रूस का फोबिया है। इसी वजह से वो स्तरहीन हरकतें कर रहे हैं। सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक यूक्रेन की मांग पर बुलाई गई थी। पिछले सप्ताह रूसी हमले में 52 यूक्रेन के आम नागरिक मारे गए थे। रूसी मिसाइल यूक्रेन के एक गांव पर जाकर गिरी थी। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सेना उनके निहत्थे और लाचार लोगों को लड़ाई की आग में झोंक रही है।
उनका कहना है कि एक अमेरिकन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फेलिसे गइर ने 193 देशों को पत्र लिखकर कहा है कि रूस की एंट्री को काउंसिल में हर तरह से रोका जाए। उधर सिक्योरिटी काउंसिल में अमेरिका के डिप्टी अंबेसडर रॉबर्ट वुड ने कहा कि रूस का ह्यूमन राइट्स काउंसिल में फिर से आना एक बदनुमा धब्बा बन सकता है। पुतिन का देश जिस तरह से मानवाधिकारों का यूक्रेन में उल्लंघन कर रहा है, उनको देखते हुए उसे काउंसिल में आने से रोका जाना चाहिए।
अप्रैल 2022 में यूक्रेन पर हमले के दो माह बाद ही रूस को काउंसिल से हटा दिया गया था। 193 देशों में से 58 वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे थे। 93 ने रूस के विरोध में मतदान किया था जबकि 24 उसके हक में थे।