रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अमेरिका में पदस्थ अपने राजदूत को बातचीत के लिए वापस बुला रहा है। उसने इसके पीछे कोई विशेष कारण नहीं बताया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के साथ बढ़ते तनाव के बीच राजदूत एनातोली एनतोनोव को मास्को बुलाने का फैसला बुधवार को लिया गया। उल्लेखनीय है कि विपक्ष के नेता एलेक्सी नवेलनी को जहर देने के मामले की पृष्ठभूमि में अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। फिलहाल अमेरिका और रूस के रिश्ते पिछले काफी समय से खराब चल रहे हैं। हाल की घटनाओं से इसमें और खराबी आई है।
इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय की एक रिपोर्ट में पता चला था कि अमेरिका में बीते नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से एक अभियान के जरिए डोनाल्ड ट्रंप को मदद के प्रयास हुए थे। बुधवार को प्रसारित एक टेलीविजन साक्षात्कार में बाइडन से पूछा गया था कि क्या उन्हें ऐसा लगता है कि पुतिन एक हत्यारे हैं, इस पर उनका जवाब था, “हां”। रिपोर्ट से जुड़े एक सवाल के जवाब में बाइडन ने कहा, “पुतिन को कीमत अदा करनी होगी।”
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने एनतोनोव को वापस बुलाने का कोई विशेष कारण तो नहीं बताया लेकिन यह जरूर कहा कि संबंध “कठिन दौर से गुजर रहे हैं जिन्हें हाल के वर्षों में वॉशिंगटन रसातल में ले गया है।” उन्होंने कहा, “हमारी दिलचस्पी इस बात में है कि संबंध इस हद तक न बिगड़ जाएं जहां से लौटना मुमकिन न हों, बशर्ते की अमेरिका इससे जुड़े जोखिमों से अवगत हो।”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, “स्पष्ट बात तो यह है कि हम उन मामलों पर बोलेंगे जो हमारे लिए चिंता का विषय हैं। निश्चित ही रूस ने जो कदम उठाए हैं, उनके लिए उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक के कार्यालय ने मंगलवार को 15 पेज की रिपोर्ट जारी कर कहा कि रूस और ईरान ने “प्रभावित करने वाले अभियान” चलाए। इसमें कहा गया है कि रूस से जुड़े हुए लोगों ने 3 नवंबर के चुनाव से पहले राष्ट्रपति बाइडन के बारे में बेबुनियाद बातें फैलाई। गलत सूचनाओं वाले अभियान चलाकर व्यापक चुनाव प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को कम करने की कोशिश भी की गई। इस अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, रूसी खुफिया विभाग से जुड़े कुछ लोगों ने मीडिया आउटलेट्स के ज़रिए बाइडेन विरोधी नरेटिव को बढ़ावा दिया।