दुनिया में सबसे बड़ी सेना अमेरिका के पास है। अमेरिकी सेना में कुल 13 लाख 90 हजार जवान हैं। लेकिन उसके बाद भी रूस यूक्रेन वॉर में अमेरिका खुलकर सामने नहीं आ रहा। वो प्रतिबंधों का सहारा लेकर ही रूस को दबाना चाहता है। आखिर क्या वजह है जो अमेरिका चुपचाप सब देख रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी बड़ी वजह रूस की परमाणु ताकत है। रूस के पास दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर हथियारों का जखीरा मौजूद है। रूस के पास आईसीबीएम मिसाइले हैं। ये हजारों किलोमीटर की दूरी से मार कर सकती है। वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों की बात करें तो इस मामले में रूस अमेरिका से भी आगे है। रूस के पास 6257, अमेरिका के पास 5550 परमाणु हथियार हैं।
दुनिया के बाकी देश इस मामले में बहुत पीछे हैं। ग्रेट ब्रिटेन के पास 225, फ्रांस के पाल 290, चीन के पास 350, इजरायल के पास 90, पाकिस्तान के पास 165, भारत के पास 156 और नॉर्थ कोरिया के पास 40 न्यूक्लियर हथियार हैं। जाहिर है कि अमेरिका इस जंग में दखल देकर परमाणु युद्ध को निमंत्रण नहीं देना चाहता।
दखल न देने की दूसरी बड़ी वजह रूस और चीन की दोस्ती है। पुतिन और जिनपिंग का दोस्ताना हर जगह मशहूर है। सेना के मामले में चीन भी बहुत आगे है। चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। चीन के पास दुनिया की तीसरे नंबर की सबसे ताकतवर सेना है। चीन, लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाता जा रहा है। चीनी सेना कई तरह के आधुनिक हथियार भी विकसित कर रही है। जाहिर है कि रूस और चीन मिल गए तो वैश्विक स्तर पर बड़ी तबाही मच सकती है।
दखल न देने की एक औक बड़ी वजह अर्थव्यवस्था भी है। कोरोना के बाद अमेरिकी कारोबार भी पटरी से उतरा था। इसके अलावा अमेरिकी लोग भी नहीं चाहते कि बेवजह दूसरे के फटे में टांग अड़ाकर वो अपने पैसे का नुकसान करें। यही वजह रही कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस लौट गई थी।