जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान विभिन्न देशों से समर्थन पाने की कोशिशों में जुटा है। हालांकि अभी तक उसे इसमें निराशा ही हाथ लगी है। अब दुनिया की बड़ी शक्तियों में शुमार रुस ने भी जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने से इंकार कर दिया है और कहा है कि दोनों देशों को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए जम्मू कश्मीर के मुद्दे को सुलझाना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर समर्थन पाने के लिए रुस के दौरे पर गए हुए हैं।

बुधवार को रुस के विदेश मंत्री और पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बीच मुलाकात हुई। इसके बाद रुसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि “मॉस्को का जोर है कि तनाव को कम करने की जरुरत है और भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए राजनैतिक और कूटनीतिक तौर पर द्विपक्षीय बातचीत के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”

रुस ने ये भी कहा कि ‘जम्मू कश्मीर के स्टेटस में बदलाव और इसका बंटवारा कर इसे दो केन्द शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला भारतीय गणराज्य के संविधान के मुताबिक ही लिया गया है।’ रुस ने साथ ही कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश शिमला एग्रीमेंट और लाहौर समझौते के तहत अपने मुद्दे सुलझाएंगे।

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बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान चीन, अमेरिका, सऊदी अरब, तुर्की, ब्रिटेन जैसे देशों से भी जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर दखल देने की मांग कर चुका है। लेकिन चीन के अलावा किसी अन्य देश ने पाकिस्तान का अभी तक समर्थन नहीं किया है। चीन ने भी दोनों देशों को बातचीत से मुद्दे सुलझाने की सलाह दी है।

बता दें कि भारत सरकार ने बीते दिनों जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाने का ऐलान किया था। जिसे लेकर पाकिस्तान ने खूब हो-हल्ला किया, लेकिन भारत ने कूटनीति चैनलों और द्विपक्षीय संबंधों के आधार पर अभी तक जम्मू कश्मीर मुद्दे को शांत रखा है।