राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। ट्रंप ने भाषण में उन युद्धों का जिक्र किया, जिन्हें उन्होंने समाप्त करने का दावा किया है। ट्रंप ने दावा किया कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बचाई गई जानें ही उनके लिए पर्याप्त पुरस्कार हैं।

संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य क्या है?- ट्रंप

दुनिया भर में विभिन्न संघर्षों को समाप्त न करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का अपमान करने के बाद ट्रंप ने पूछा, “संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य क्या है? संयुक्त राष्ट्र में अपार क्षमताएँ हैं। मैंने हमेशा कहा है। इसमें अपार क्षमताएँ हैं, लेकिन कम से कम अभी तक तो यह उस क्षमता के आस-पास भी नहीं पहुँच पा रहा है। ऐसा लगता है कि वे बस एक बहुत ही कड़े शब्दों वाला पत्र लिखते हैं और फिर उस पत्र पर कभी अमल नहीं करते। ये खोखले शब्द हैं और खोखले शब्दों से युद्ध का समाधान नहीं होता।”

ट्रंप ने कहा कि जब वह छह साल पहले सत्ता में थे, तब दुनिया शांति का केंद्र थी। उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल के आठ महीनों में हासिल की गई कई उपलब्धियों का ज़िक्र किया। उन्होंने दावा किया, “विश्व मंच पर अमेरिका को फिर से उतना सम्मान मिल रहा है, जितना पहले कभी नहीं मिला।”

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मुझे नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए…

युद्ध समाप्त करने के अपने दावों को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध सहित कई युद्धों को समाप्त किया है। उनके ये दावे ऐसे समय में आए हैं जब भारत ने इन दावों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है। ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि इन युद्धों को संगठन द्वारा समाप्त किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “हर कोई कहता है कि मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। लेकिन मुझे बस लोगों की जान बचाने की परवाह है। हर कोई कहता है कि मुझे इन उपलब्धियों में से हर एक के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। लेकिन मेरे लिए असली पुरस्कार वे बेटे-बेटियां होंगे जो अपने माता-पिता के साथ बड़े होंगे क्योंकि अब लाखों लोग अंतहीन और अपमानजनक युद्धों में नहीं मारे जा रहे हैं। मुझे पुरस्कार जीतने की नहीं, बल्कि जान बचाने की परवाह है। हमने सात युद्धों में लाखों-करोड़ों जानें बचाईं। हमारे पास और भी युद्ध हैं जिन पर हम काम कर रहे हैं।”

चीन और भारत पर ट्रंप ने साधा निशाना

यूएनजीए के संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन और भारत रूसी तेल ख़रीदकर इस युद्ध के मुख्य फाइनेंसर हैं। ट्रंप ने कहा कि नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा उत्पादों पर ज़्यादा रोक नहीं लगाई है, मुझे लगभग दो हफ़्ते पहले पता चला और मैं इससे खुश नहीं था।