पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीन की एक फर्म द्वारा नीलम-झेलम नदी पर बांध बनाने को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पीओके के मुजफ्फराबाद शहर में सोमवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और नदी पर बांध बनाने का विरोध किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथ में मशालें थीं और वह ‘दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ’ और ‘नीलम-झेलम को बहने दो, हमें जिंदा रहने दो’ जैसे नारे लगा रहे थे।
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान और चीन के बीच पीओके में कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट और आजाद पत्तन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को लेकर समझौता हुआ है। आजाद पत्तन हाइडल पावर प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान की योजना 700 मेगावाट बिजली के उत्पादन की है। यह बांध एक चाइनीज फर्म द्वारा बनाया जा रहा है और यह बांध परियोजना भी चीन की महत्वकांक्षी परियोजना सीपेक का हिस्सा है।
चीन द्वारा बनाए जा रहे आजाद पत्तन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 1.5 अरब डॉलर होगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समयसीमा 2022 तय की गई है। पाकिस्तान के कुल सालाना बिजली उत्पादन का 3 फीसदी इस बांध परियोजना से आएगा।
#WATCH: Protests and torch rally took place in Muzaffarabad city of Pakistan occupied Kashmir (PoK) last night, against the construction of mega-dams that will be built by Chinese firms on Neelum-Jhelum river. pic.twitter.com/aJhGPdfjnw
— ANI (@ANI) August 25, 2020
गौरतलब है कि इस बांध परियोजना के लिए पाकिस्तान ने 75 फीसदी यानि कि 1.13 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज लिया है और 25 फीसदी रकम इक्विटी द्वारा प्राप्त की जाएगी। पाकिस्तान ने कर्ज उतारने के लिए 18 साल का समय मांगा है।
भारत ने विवादित इलाके में बांध बनाने का विरोध किया है। पीओके के स्थानीय नागरिक भी इस बांध परियोजना का विरोध कर रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। स्थानीय लोगों को डर है कि चीन द्वारा बांध बनाए जाने के कारण पीओके में भी चीन प्रभाव बढ़ेगा।