अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि एलएएसी पर जारी गतिरोध के बीच चीन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क का तार बिछा दिया। ताकि इन इलाकों में संचार सुविधा को बढ़ाया जा सके। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी गतिविधियों को बढ़ाकर चीन एलएएसी पर किसी बड़े युद्ध की तैयारी में है। वहीं पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि चीन तेजी से अपनी परमाणु शक्ति में भी वृद्धि कर रहा है। 2030 तक चीन के परमाणु हथियारों की संख्या 1000 हो सकती है।
बुधवार को पेंटागन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2020 में चीन और भारत के बीच उपजे सीमा विवाद के दौरान चीनी सेना ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया ताकि इन इलाकों में तेजी से संचार प्रदान किया जा सके और विदेशी इंटरसेप्शन से सुरक्षा की जा सके। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ऑप्टिक फाइबर के सेटअप ने उन्हें सीमा पर खुफिया गतिविधियों, निगरानी और सैन्य गतिविधियों को तेज करने में मदद की।
पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद चीन ने भारत के साथ सीमा तनाव जारी रखा और सीमा पर अपने सैन्य गतिविधियों को तेज किया। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि सीमा तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच हो रहे राजनयिक और सैन्य संवादों के बावजूद चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया। चीन ने एलएएसी पर अपना दवाब बढ़ाने के लिए सैन्य कार्रवाई में कोई कमी नहीं की।
इसके अलावा अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन तेजी से परमाणु हथियार को बढ़ा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अगले छह सालों में चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या 700 हो सकती है और 2030 तक यह आंकड़ा 1000 के पार पहुंच सकता है। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि आज चीन के पास कितने परमाणु हथियार हैं। लेकिन एक साल पहले अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने दावा किया था कि चीन के पास 200 से कम परमाणु हथियार थे।