भारत और अफगानिस्तान मिलकर पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे हैं। अफगानिस्तान में जिस तालिबान को बढ़ावा देने का क्रेडिट खुद पाकिस्तान लेता था, वही तालिबान सरकार भी खुलकर पाकिस्तन पर हमलावर है। पाकिस्तान दावा करता है कि वह खुद आतंकवाद से पीड़ित है। हालांकि, अब पाकिस्तान की पोल खुद वहां के एक राज्य के मुख्यमंत्री ने खोल दी है। उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और मिलिट्री एजेंसी का पर्दाफाश कर दिया है

दरअसल, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली मुनीम गंडापुर ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि वे कैसे लगातार तालिबानियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, इसके बावजूद सफलता नहीं मिल पा रही है, क्योंकि ISI और मिलिट्री के लोग इन्हें संरक्षण देकर बचा लेते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इन गुड तालिबानियों का इस्तेमाल करना है, तो भारत या अफगानिस्तान के बार्डर पर करें।

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तालिबानियों के खिलाफ हुआ एक्शन

अली मुनीम गंडापुर ने कहा, “मुझे किसी का खौफ नहीं है, ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि मैनें तालिबानियों के खिलाफ एक्शन लिया। उनके ठिकानों को खत्म किया और उसके वीडियो इंटरनेट पर खूब चले।” गंडापुर ने कहा, “हमारे एक्शन के बावजूद उन आतंकियों को फिर लाया गया और उन्हें समर्थन दिया गया।”

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ISI ने आतंकियों को छुड़वा लिया

तालिबान पर एक्शन के बाद सरकार को हुई दिक्कतों का उल्लेख करते हुए सीएम अली मुनीम गंडापुर ने कहा, “हमने जब उन्हें पकड़ा तो ISI और मिलिट्री इंटेलीजेंस वाले लोग उन्हें बचाकर ले गए।” उन्होंने कहा, “एजेंसी वाले लोगों ने कहा कि तालिबानी आतंकियों को अपना कह रहे थे, कि वे उनका इस्तेमाल करते हैं।”

कश्मीर में करें आतंकियों का इस्तेमाल

अली मुनीम गंडापुर ने कहा कि एजेंसियों के छुड़वाने के बाद अब इन आतंकियों की संख्या ज्यादा हो गई है। जरूरी ये हैं कि इन गुड तालिबान के लोगों का इस्तेमाल कश्मीर में या अफगानिस्तान सीमा पर करें। उन्होंने कहा कि उन लोगों को सेना की वर्दी पहनाकर इस्तेमाल करें, क्योंकि ऐसे जनता और सरकार के बीच विश्वास कम होता है।

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