Pakistan Train Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया। जिसमें करीब 500 लोग सवार थे। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया है कि उसने 214 यात्रियों के बंधक बना लिया है और पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों को मौत के घाट उतार दिया है। इस समूह ने यह भी धमकी दी है कि अगर सुरक्षा बल पीछे नहीं हटे तो वे सभी बंधकों को मौत के घाट उतार देंगे। वहीं सुरक्षा बलों ने कम से कम 16 लड़ाकों को मार गिराया और 104 यात्रियों को बचा लिया है।
अलगावादी समूह ने अपनी मांगों में कहा है कि बलूच राजनीतिक कैदियों और राष्ट्रीय प्रतिरोध कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। इसके बदले में वे बंधकों को छोड़ने को तैयार है और इसके लिए उन्होंने 48 घंटे की समय सीमा तय की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने 16 लड़ाकों को जवाबी कार्रवाई में मार गिराया है।
जाफर एक्सप्रेस क्वेटा के अपनी यात्रा शुरू करने के बाद हमले का शिकार बन गया। ट्रेन को टनल नंबर 8 के पास अलगाववादियों ने घेर लिया और इसके बाद ट्रेन के यात्रियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की जा रही थी। आतंकवादियों ने ट्रेन को एक दूरदराज स्थान पर ट्रेन को पटरी से उतारने के बाद कब्जा करने का दावा किया है। हालांकि, बलूच अधिकारियों या रेलवे ने अब तक किसी प्रकार के हताहत या बंधकों की स्थिति की पुष्टि नहीं की है।
सुरक्षा बलों ने अलगाववादियों को घेरने के लिए एक विशाल ऑपरेशन शुरू किया है। भारी गोलीबारी और हवाई हमले हो रहे हैं। आतंकवादी समूह का कहना है कि उन्होंने सेना के जमीनी ऑपरेशन को पूरी तरह से नाकान कर दिया है और सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। बीएलए के नेताओं का कहना है कि हमने जाफर एक्सप्रेस पर पूरी तरह से कब्जा पर लिया है और सेना के जमीनी ऑपरेशन को समाप्त कर दिया है। हालांकि, पाकिस्तान के हेलीकॉप्टरों और ड्रोन से बमबारी अब भी जारी है।
मदद की कोशिशें जारी
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन के 450 यात्री और कर्मचारी अब भी संपर्क से बाहर हैं और हमले में कई यात्रियों के घायल होने की खबर है। पाकिस्तान सेना ने राहत के लिए ट्रेन भेजी है, जिसमें सैनिकों और डॉक्टरों की टीम भी है। एंबुलेंस भी भेजी गई हैं, लेकिन पहाड़ी और कंटीली इलाकों के कारण राहत कार्य में परेशानी हो रही है।
विरोधी बलूच आंदोलन की चेतावनी
बलूच लिबरेशन आर्मी ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कोई भी सैन्य अभियान शुरू किया तो इसके परिणाम गंभीर होंगे। उनका कहना है कि सभी बंधकों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा और इसका जिम्मेदार केवल पाकिस्तानी सेना होगी।
पाकिस्तानी सरकार ने क्या कहा?
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और कहा कि सरकार निर्दोष यात्रियों पर गोली चलाने वाले के साथ समझौता नहीं करेगी। बलूचिस्तान सरकार ने आपातकालीन उपाय लागू किए हैं और सभी संस्थाओं को स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय कर दिया है।
बलूच लिबरेशन आर्मी क्या चाहती है?
बलूचों को पहली और सबसे बड़ी मांग ये है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की किसी भी एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी का कोई भी नुमाइंदे वहां नहीं होने चाहिए। इसके अलावा बलूचों का मानना है कि चीन के साथ CPEC प्रोजेक्ट चल रहे हैं। प्रोजेक्टों से उनके खनिजों का दोहन हो रहा है। इन प्रोजेक्ट्स की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग विस्थापित हुए हैं। इसके बाद से बलूच लोग इन प्रोजेक्ट के यहां से हटाने की लगातार कई सालों से मांग कर रहे हैं। बीएलए द्वारा पाकिस्तान पर ये कोई नया हमला नहीं है, बीएलए पिछले कई सालों से पाकिस्तान पर ऐसे हमले करता रहा है। कभी चीन के इंजीनियर को निशाना बनाया तो कभी पाकिस्तान के राजनयिकों को निशाना बनाता है।
बलूचिस्तान में अलगाववाद क्यों है?
पाकिस्तानी शासन के दमन और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेले जाने का नतीजा ही है कि बलूचिस्तान में लोग अलगाववाद में लिप्त हैं। इसके जवाब में पिछले कुछ वर्षों में कई बलूच अलगाववादी समूह उभरे हैं, जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ राजनीतिक हिंसा को अंजाम दे रहे हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) सहित इन समूहों का टारगेट बलूचिस्तान के लिए अधिक पूर्ण स्वतंत्रता हासिल करना है।
1948 से आजादी की लड़ाई लड़ रहे बलूच लड़ाके बने पाकिस्तान के लिए मुसीबत, क्यों मांग रहे अलग देश?
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे बड़ा बलूच अलगाववादी समूह है और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करते हुए दशकों से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहा है। BLA को पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश “आतंकवादी संगठन” मानते हैं। यह समूह बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों, सरकारी इमारतों और चीनी सेना और उसके वर्कर्स को टारगेट करते हुए कई हमले किए हैं।
हाल के वर्षों में जब से यहां चीन का प्रभाव बढ़ा है, तब से BLA ने हमले तेज कर दिए हैं। बीएलए, कई सुसाइड अटैक और बड़े हमलों के लिए भी जिम्मेदार रहा है। मजीद ब्रिगेड को BLA का सुसाइड स्क्वाड माना जाता है, जो कई हाई-प्रोफाइल हमलों में शामिल रहा है – जिसमें 2018 में कराची में चीनी दूतावास पर हमला और 2019 में ग्वादर में एक लग्जरी होटल पर हमला शामिल है।
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