पाकिस्तान के अशांत दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के एक सरकारी अस्पताल में सोमवार (8 अगस्त) को तालिबान के एक आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 75 लोगों की मौत हो गई और 115 अन्य घायल हो गए। इनमें से ज्यादातर वकील हैं। यह हमला इस साल के सबसे भीषण आतंकी हमलों में एक है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस आतंकी घटना की निंदा की है। यह हमला उस वक्त हुआ जब क्वेटा स्थित सिविल अस्पताल में 200 से अधिक लोग जमा थे। वहां बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कसी का शव लाया गया था। इससे पहले दिन में उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

आपात विभाग में विस्फोट की एक भीषण आवाज सुनी गई। आपात विभाग में शव परीक्षण के लिए कसी का शव रखा गया था। विस्फोट के बाद गोलीबारी भी हुई। पुलिस ने इसे आत्मघाती हमला बताया जिसमें आठ किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमला स्थल पर कोई गड्ढा नहीं पाया गया और ऐसा लगता है कि हमलावर ने विस्फोटकों को अपने शरीर से बांध रखा था।’ बम निरोधक दस्ते के अधिकारियों ने भी यह पुष्टि की है कि आत्मघाती हमले से विस्फोट हुआ।

तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के धड़े जमातउल अहारा के प्रवक्ता इंशाउल्ला अहसन ने मीडिया संगठनों को एक ईमेल में बताया कि उसका गुट क्वेटा में हुए हमले की जिम्मेदारी लेता है और पाकिस्तान में इस्लामी प्रणाली लागू होने तक हमले जारी रखने का संकल्प लिया। हमले के शीघ्र बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ शहर में पहुंचे और हालात का जायजा लेने अस्पताल गए। चिकित्सकों और बचाव अधिकारियों ने मृतकों की संख्या 75 बताई है। उनके मुताबिक यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायलों की हालत बहुत नाजुक है। उन्होंने बताया कि हमले में 115 लोग घायल हुए हैं।

टीवी फुटेज में भगदड़ के दृश्य दिखाए गए हैं जहां दहशत में आए लोग मलबे से होकर भाग रहे हैं। अस्पताल के आपात वार्ड के गलियारे में धुआं भरा हुआ है। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता अनवार उल हक ने बताया, ‘यह एक सुनियोजित आत्मघाती हमला था और इसका लक्ष्य अधिकतम नुकसान पहुंचाना था।’ इस साल यह अब तक का दूसरा सर्वाधिक भीषण हमला है। इससे पहले लाहौर के एक भीड़ भाड़ वाले पार्क में ईस्टर के मौके पर विस्फोट हुआ था जिसमें 75 लोग मारे गए थे।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने हमले की तीखी निंदा की है। शरीफ ने प्रांतीय सरकार को दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। शरीफ ने कहा, ‘किसी को भी प्रांत में शांति व्यवस्था में खलल डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ खबरों के मुताबिक मृतकों में दो पत्रकार शामिल हैं। बलूचिस्तान के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने कहा, ‘यह एक सुरक्षा चूक है और मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी जांच कर रहा हूं।’ उन्होंने इस हमले को आतंकवादी हरकत बताया।

बुगती ने कहा कि विस्फोट का असर इतना जबरदस्त था कि अस्पताल के आसपास दर्जनों मोटरसाइकिल और और वाहन नष्ट हो गए। क्वेटा के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। प्रांतीय सरकार ने तीन दिनों के शोक की घोषणा की जिस दौरान सरकारी इमारतों पर पाकिस्तान का राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा। क्वेटा को लंबे समय से अफगानिस्तान तालिबान के एक आधार के रूप में जाना जाता है। मई में अफगान तालिबान का नेता मुल्ला अख्तर मंसूर एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था जब वह पाकिस्तान-ईरान सीमा से क्वेटा जा रहा था।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहील शरीफ ने कहा कि देश में आतंकवाद को शिकस्त देने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने क्वेटा में सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि इस हमले ने बलूचिस्तान में बढ़ाई गई सुरक्षा को कमतर कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को निशाना बनाने की कोशिश है। ‘हालात पर काबू पाने के लिए सभी संसाधन लगाए जाएंगे।’ वहीं, अमेरिकी राजदूत डेविड हेले ने कहा कि वह पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास की ओर से आज के इस हमले की सख्त निंदा करते हैं। यूरोपीय संघ ने भी हमले की निंदा की है।