पाकिस्तान के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक (Rehman Malik) का निधन हो गया है। स्पेशल इंटेलिजेंस एजेंट से राजनेता बने रहमान मलिक जनवरी में कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए थे। बाद में सांस लेने में शिकायत के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वे वेंटिलेटर पर थे।रहमान मलिक 70 वर्ष के थे।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता रहमान मलिक, उस समय गृह मंत्री थे जब 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में हमला किया था। मलिक के प्रवक्ता रियाज अली तुरी ने बुधवार को ट्वीट किया, “यह कहते हुए गहरा दुख हुआ कि पूर्व गृह मंत्री और पीपीपी के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहमान मलिक का निधन हो गया।” रहमान मलिक के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं।
रहमान मलिक के निधन की खबर पर पाकिस्तान की कई राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने रहमान मलिक की मौत पर दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इमरान खान की ओर से एक बयान जारी कर रहमान मलिक के निधन पर शोक व्यक्त किया।
गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि वह इस खबर से दुखी हैं। राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले, मलिक स्पेशल इंटेलिजेंस एजेंट के रूप में पाकिस्तान की एजेंसी का हिस्सा थे और 1993 में उन्हें अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान, कई आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम दिया गया, जिसमें 1995 में यूसुफ रमजी की गिरफ्तारी और अमेरिका को प्रत्यर्पण शामिल था।
रमजी 1993 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में बम धमाके और फिलीपीन एयरलाइंस की फ्लाइट 434 को बम से उड़ाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। रहमान मलिक को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और उनके पति आसिफ अली जरदारी का करीबी माना जाता था। उन्होंने 2004 से 2007 तक भुट्टो के सुरक्षा प्रमुख के रूप में कार्य किया। परवेज मुशर्रफ के सैन्य शासन के दौरान, मलिक ने भुट्टो और निर्वासित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जनरल के खिलाफ हाथ मिलाने के लिए राजी किया।
