पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी सुरक्षा बल अपने ही नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। 13 सितंबर को केच जिले की बुलेदा तहसील के मेहनाज इलाके में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर तीन छात्रों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद बलूचिस्तान में जबरन गायब होने की लगातार बढ़ती समस्या पर एक बार फिर चिंता पैदा हो गई है। द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह घटना सुबह लगभग 10:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) हुई, जब पाकिस्तान के फ्रंटियर कोर के जवानों ने छात्रों को हिरासत में लिया और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले गए।

तीन छात्रों का हुआ अपहरण

जिन छात्रों को कथित तौर पर गायब किया गया, उनकी पहचान 18 वर्षीय शेहक (नुसरतुल्लाह का बेटा), 19 वर्षीय वसीम (नुसरतुल्लाह का ही बेटा) और 19 वर्षीय इनायतुल्लाह (दुर मुहम्मद का बेटा) के रूप में हुई है। बलूच यकजेहती समिति ने हिरासत की निंदा की और लापता छात्रों की तत्काल बरामदगी और उन्हें अदालत में पेश करने की मांग की। द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार संगठन ने ज़ोर देकर कहा कि जबरन गायब करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और बलूचिस्तान की युवा पीढ़ी के लिए गंभीर परिणाम पैदा करता है।

कोहलू के एक पत्रकार शेर खान मर्री के हालिया मामले ने भय के माहौल को और बढ़ा दिया है, जिन्हें कथित तौर पर सिबी में पुलिस और सादे कपड़ों में तैनात पुलिसकर्मियों ने उठा लिया था। उनके परिवार का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद से ही वह लापता हैं, जबकि उनके सहकर्मियों का कहना है कि जबरन गुमशुदगी के बारे में वह सोशल मीडिया पर मुखर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों और पत्रकार संघों ने उनकी तत्काल और सुरक्षित बरामदगी की मांग की है, जिससे राज्य की कार्रवाई पर बढ़ते आक्रोश में इजाफा हुआ है।

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क्वेटा प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन

इसके अलावा द बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया कि 2015 से कथित तौर पर लापता पूर्व कृषि उपनिदेशक मेहर गुल मर्री के परिवार ने क्वेटा प्रेस क्लब के बाहर धरना दिया। रिश्तेदारों ने उनकी सुरक्षित बरामदगी की मांग करते हुए कहा कि उनके लापता होने के कारण उन्हें वर्षों तक कष्ट सहना पड़ा है, जिसका श्रेय उन्होंने सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों को दिया।

इस बीच क्वेटा प्रेस क्लब के बाहर वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स (VBMP) का विरोध शिविर लगातार 5,939वें दिन भी जारी रहा। परिवारों ने एक बार फिर अपने प्रियजनों की रिहाई की मांग की। जैसा कि बलूचिस्तान पोस्ट ने जिक्र किया है, वीबीएमपी का प्रदर्शन प्रांत में लगातार जारी जबरन गुमशुदगी के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बन गया है। बलूचिस्तान पोस्ट ने आगे बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने बुलेदा घटना पर कोई बयान जारी नहीं किया है और न ही गुमशुदगी के व्यापक आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया दी है।