पाकिस्तान में बिगड़े सियासी हालात के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पाक की संसद को भंग कर दिया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि पड़ोसी मुल्क में 90 दिनों के भीतर आम चुनाव होंगे। वहीं पाक में चल रहे सियासी संग्राम को लेकर वहां की आर्मी ने भी साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में हो रही राजनीतिक हलचल से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि पाक के इस सियासी भूचाल को लेकर आजतक चैनल पर हो रही चर्चा में पाक के कमर चीमा ने कहा कि मिलिट्री मुल्क में स्थिरता की गारंटी है। कमर चीमा ने कहा कि हमारे यहां आंतरिक और बाहरी पॉलिसी में फौज का दखल होता है। इस मामले में फौज जो भी बयान देगी, उससे देश में स्थिरता आएगी।
इसपर एंकर ने कहा कि कमर चीमा साहब, आप चाहे जितनी चाशनी लगा लीजिए, अब फिसल गये हैं तो हर हर गंगे बोल लीजिए। फिसलने पर ही आप भी सच बोल रहे हैं। ये अच्छी बात है। लेकिन मुझे आपसे समझना है कि क्या इमरान खान ने आर्मी को आंखे दिखा दी है?
कमर चीमा ने कहा देखिए मेरे ख्याल से जो इमरान खान ने किया है, वो आर्मी की भी जानकारी नहीं थी। चीमा ने कहा कि जब अविश्वास प्रस्ताव आया तो इमरान खान ने जनरल बाजवा से मदद मांगी। लेकिन जनरल बाजवा ने विपक्ष से बातकर इमरान को बताया कि आपके सामने तीन विकल्प हैं। एक इस्तीफा दे दें, दूसरा अविश्वास प्रस्ताव का सामना करें या फिर चुनाव में जायें।
वहीं कार्यक्रम में मौजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रवक्ता अब्दुल समद से एंकर ने सवाल किया कि जो इमरान खान यह कहते रहे कि वो आखिरी बॉल तक खेलेंगे, अविश्वास प्रस्ताव का सामना क्यों नहीं किया?
इस सवाल पर अब्दुल समद ने कहा, “जब आपको पता हो कि आपके सदस्य नहीं है, वो बिक गये हैं, उसके पीछे एक गुप्त एजेंडा चल रहा हो। ऐसे में संसद भंग कर देना कोई असंवैधानिक काम नहीं हुआ है।”
बता दें कि पाकिस्तान में संसद भंग होने के फैसले को इमरान खान ने सराहा है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हमारे खिलाफ एक विदेशी साजिश थी। ऐसे में पाक की आवाम को तय करना चाहिए उनपर कौन शासन करे। मैं पाकिस्तान के लोगों से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान करता हूं।