पड़ोसी देश पाकिस्तान में जैसे-जैसे अविश्वास प्रस्ताव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे तमाम राजनीतिक उथल-पुथल की खबरें सामने आ रही हैं। बता दें कि अब खबर आई है कि सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कम से कम 50 मंत्री राजनीतिक मोर्चे से ‘नदारद’ हो गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि विपक्ष की तरफ से जब से प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ राजनीतिक संकट खड़ा किया गया है तब से ही 50 से अधिक संघीय और प्रांतीय मंत्रियों को खुले तौर पर नहीं देखा गया है।
जानकारी के मुताबिक नदारद मंत्रियों में से 25 संघीय और प्रांतीय सलाहकार और विशेष सहायक हैं। वहीं इनमें राज्य मंत्री, चार सलाहकार और 19 विशेष सहायक शामिल हैं। बता दें कि इस बीच विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर, रक्षा मंत्री परवेज खट्टक, सूचना मंत्री फवाद चौधरी और आंतरिक मंत्री शेख रशीद इमरान खान के उन दिग्गजों में हैं, जो पाक पीएम के बचाव में सबसे आगे नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्री की बजट के बाद चुनाव कराने की सलाह
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को बजट पेश करने के बाद चुनाव कराने की सलाह दी है। उन्होंने दावा किया कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार हालांकि राशिद ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संघीय बजट पेश करने के बाद जल्द चुनाव का विचार उनकी व्यक्तिगत ‘‘राय’’ है और इसे सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के रुख के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
राशिद ने इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री खान को संघीय बजट पेश करने के बाद चुनाव कराने की सलाह दी है, जो प्रत्येक वर्ष 30 जून को वित्तीय वर्ष की समाप्ति से कुछ सप्ताह पहले प्रस्तुत किया जाता है। एक सप्ताह में यह दूसरी बार है जब राशिद ने चल रहे राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए मध्यावधि चुनाव की वकालत की है।\
राशिद ने बृहस्पतिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के चलते मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करने के लिए देश में जल्द चुनाव कराए जा सकते हैं। अगला आम चुनाव 2023 में होना है। शनिवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए राशिद ने कहा कि प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तीन या चार अप्रैल को मतदान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव 28 मार्च को नेशनल असेंबली में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मतदान प्रस्ताव पेश होने के तीन से सात दिनों के बीच होता है।’’ राशिद ने प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए विपक्ष को ‘‘मूर्ख’’ करार दिया और कहा कि इस कदम से प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बढ़ी है और ‘‘जल्द चुनाव कराने के लिए यह सही समय है।’’
उधर प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी बड़े नेताओं को धन्यवाद कहा है। इमरान खान ने शहबाज शरीफ, आसिफ जरदारी और मौलाना फजलुर रहमान को ‘धन्यवाद’ देते हुए कहा कि उनकी वजह से उनकी पार्टी को लोकप्रियता हासिल करने में मदद मिली है।
गौरतलब है कि इमरान खान के खिलाफ 3 से 4 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। बता दें कि इमरान खान को लगातार पाकिस्तान के चुनाव आयोग की तरफ से रैलियां करने को लेकर नोटिस मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इमरान खान रविवार को रैली में अपने आप को मजबूत नेता के तौर पर साबित कर सकते हैं और आवामी ताकत का प्रदर्शन करने की कोशिश कर सकते हैं।