पाकिस्तान में मचे सियासी संकट के बीच नई जंग छिड़ गई है। रविवार को पाकिस्तान की संसद में डिप्टी स्पीकर ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। डिप्टी स्पीकर ने इस अविश्वास प्रस्ताव को संविधान और पाकिस्तान के नियमों के खिलाफ बताया। इसके बाद देश को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि डिप्टी स्पीकर के फैसले से पाकिस्तान की आवाम खुश है। इमरान खान ने राष्ट्रपति से असेंबली भंग करने की सिफारिश की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है।
पाकिस्तान ने राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदले हैं। इमरान खान के देश के नाम संबोधन के कुछ समय बाद ही राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में तय समय से पहले आम चुनाव कराए जा सकते हैं।
वहीं, अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद इमरान खान ने देश को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने के लिए सलाह भेज दी है। चुनाव हों और लोग फैसला करें कि वो किसे चाहते हैं। बाहर से कोई साजिश और इस तरह के भ्रष्ट लोग इस मुल्क की तकदीर का फैसला न करें।”
समय से पहले आम चुनाव में जाने की बात करते हुए पाकिस्तान के पीएम ने कहा, “मैं अपनी कौम को आज कहता हूं कि आप चुनाव की तैयारी करो। मुल्क से जो इतनी बड़ी साजिश की जा रही थी वो आज फेल हो गई।”
इसके पहले, नैशनल असेंबली में बोलते हुए इमरान खान के मंत्री फवाद हुसैन ने अविश्वास प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया। फवाद हुसैन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव एक लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन दुर्भाग्य से ये एक विदेशी सरकार द्वारा सत्ता परिवर्तन के लिए एक प्रभावी ऑपरेशन है। फवाद हुसैन के संबोधन के तुरंद बाद डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया और असेंबली की कार्यवाही स्थगित कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट जाएगा विपक्ष
डिप्टी स्पीकर के इस फैसले का विपक्ष ने जमकर विरोध किया। बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आवाज के साथ ये धोखा है। भुट्टो ने कहा कि वे डिप्टी स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।