ARTICLE 370: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि यह एक पुलवामा हमले को जन्म देगा। पाक पीएम ने कहा कि भारत के इस कदम से शांति पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत में जो हुआ वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का एजेंडा है। भारत अगर आगे इसी तरह के फैसले लेता रहा तो पुलवामा जैसे और भी हमले होंगे।
उन्होंने कहा ‘जब हमने सरकार (पाकिस्तान की) को संभाला, तो हमारी मुख्य प्राथमिकता हमारे देश में गरीबी को दूर करना था। इसके लिए हम अपने सभी पड़ोसियों के पास पहुंचे, क्योंकि संबंधों में सामान्यता के बिना हम स्थिरता और गरीबी को कम नहीं कर सकते। पड़ोसी देशों की मेरी अबतक की सभी यात्राएं इसी उद्देश्य के लिए थीं। मैंने अफगानिस्तान का दौरा किया, और उनसे पूछा कि हम अपने पिछले मतभेदों को दूर करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। मैंने भारत से भी बात की, उनसे कहा कि अगर आप हमारे लिए एक कदम उठाते हैं, तो हम दो कदम बढ़ाएंगे।’
खान ने कहा ‘भारत ने कभी भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई। मुझे महसूस हो गया था कि भारत बातचीत के लिए तैयार नहीं है। इसके बाद पुलवामा हमला हो गया। लेकिन अल्लाह का शुक्र है कि हमारी सेना ने उन्हें सही समय पर जवाब दिया। हमने उनके एक पायलट को गिरफ्तार कर लिया और तुरंत रिहा भी कर दिया। हम उन्हें बताना चाहते थे कि हम युद्ध नहीं चाहते। जिसके बाद हमने सोचा कि जब तक भारत में लोकसभा चुनाव खत्म नहीं हो जाते तब तक बातचीत नहीं करेंगे।’
चुनाव खत्म होने के बाद मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हस्तक्षेप करने के लिए कहा क्योंकि हमारी द्विपक्षीय वार्ता (भारत के साथ) विफल रही है। इसके बाद उन्होंने यह कदम (आर्टिकल 370) उठा लिया। मुझे मालूम है कि वह क्रूरता के साथ कश्मीरी प्रतिशोध को दबाने की कोशिश करेंगे जो कि वो पिछले पांच साल से करते आ रहे हैं। भारत ने पॉवर का इस्तेमाल कर कश्मीरियों की आवाज दबाने की कोशिश की है। लेकिन मैं बता दूं कि वे जितना कश्मीरियों को दबाने की कोशिश करेंगे बदले में पुलवामा जैसे आतंकी हमले होंगे।
उन्होंने आगे कहा ‘पाकिस्तान का पुलवामा आतंकी हमले से कोई लेना-देना नहीं था, भारत भी यह जानता है। इमरान ने कहा कि मोदी सरकार का फैसला कश्मीर के लोगों को कुचलने में सक्षम नहीं होगा। जिसके बाद वह हमें दोषी ठहराएंगे। हम देख रहे हैं कि इस मामले को इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में कैसे ले जाया जा सकता है। हम इस मुद्दे को एकबार फिर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में उठाएंगे और पूरी दुनिया का ध्यान इस तरफ खीचेंगे।’
पाक पीएम ने कहा ‘भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने संस्थापकों की ‘नस्लभेदी’ विचारधारा पर काम कर रही है। जिन्होंने भारत हमेशा मुस्लिमों को नजरअंदाज करने की बात कही। मोहम्मद अली जिन्ना (पाकिस्तान के संस्थापक) जान गए थे कि आरएसएस भारत को सिर्फ एक हिंदू राष्ट्र के तौर पर देखना चाहता है और मुस्लिम को नजरअंदाज करना चाहता है। जिन्ना सबसे पहले आरएसएस के एजेंडा को पहचान गए थे। पाकिस्तान में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यहां पर इंसानियत को तवोज्जो दी जाती है। भारत सरकार मानती हैं कि जो लोग गोश्त खाते हैं उन्हें भीड़ मार डालेगी।’
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार के कदम की सोमवार को भी आलोचना की थी। उसने भारत के इस कदम को ‘‘अवैध’’ और ‘‘एकतरफा’’ करार देते हुए इसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील करने समेत सभी संभावित विकल्पों का इस्तेमाल करने का भी संकल्प लिया।इमरान खान ने भारत के इस कदम को ‘‘अवैध’’ करार दिया और कहा कि यह परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और अधिक बिगाड़ेगा।