हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ लगातार हो रहे हमलों को रोकने में नाकाम रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार ने दिसंबर महीने में हुई अतिवादी हिंदुओं की बैठक में ‘अल्पसंख्यकों, खासकर 20 करोड़ मुस्लिमों के नरसंहार’ के आह्वान पर चुप्पी साधी हुई है।
इमरान खान ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ”इस पर सवाल उठता है कि क्या बीजेपी सरकार अतिवादियों के इस आह्वान का समर्थन करती है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस ध्यान आकर्षित करने और मोदी सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
पाकिस्तान के पीएम ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि चरमपंथी एजेंडा “हमारे क्षेत्र में शांति के लिए एक वास्तविक और वर्तमान खतरा है।”
पिछले महीने, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के प्रभारी उच्चायुक्त को तलब किया और हरिद्वार में आयोजित सम्मेलन में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों पर चिंता व्यक्त की थी। पाकिस्तान ने भारतीय पक्ष को बताया कि नागरिक समाज और देश के लोगों के एक वर्ग ने कथित घृणास्पद भाषणों को गंभीर चिंता के साथ देखा है।
तब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि यह “बेहद निंदनीय” रहा कि जिन लोगों ने इस कार्यक्रम में नरसंहार की बात की उसपर भारत सरकार की तरफ से न तो कोई खेद व्यक्त किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई।
बता दें कि 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ का आयोजन किया गया था, जहां मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले नफरत भरे भाषणों की एक पूरी फेरहिस्त देखी गई थी। धर्म संसद का आयोजन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना मंदिर के पुरोहित यति नरसिंहानंद ने किया था। आरोप है कि इसमें शामिल वक्ताओं ने मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने वाले भाषण दिए थे। इस मामले को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है।