पाकिस्तान की संसद ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक विधेयक पारित किया है कि कोई भी व्यक्ति जीवनभर के लिए सदन का सदस्य बनने के लिए अयोग्य न रहे। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह विधेयक पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की देश में वापसी और आगामी चुनाव में उनकी भागीदारी का रास्ता साफ करने की कवायद है।

नवाज शरीफ (73) को 2017 में उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने अयोग्य घोषित कर दिया था। उच्चतम न्यायालय के 2018 में सुनाए गए आदेश के बाद वह कानून के तहत जीवन भर सांसद बनने के लिए अयोग्य हो गए थे। नवाज चिकित्सकीय उपचार के लिए नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं। वे तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। लंदन जाने से पहले वह अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में लाहौर की कोट लखपत जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे थे। 2017 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में एक ऐतिहासिक फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।

नवाज के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के कई मामले शुरू किए गए थे। नवाज नवंबर 2019 में लाहौर हाई कोर्ट द्वारा उन्हें इलाज के वास्ते चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दिए जाने के बाद लंदन रवाना हुए थे। शरीफ ने 2019 में ब्रिटेन जाने से पहले लाहौर हाई कोर्ट को पाकिस्तान लौटने का वचन दिया था। उन्हें अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में भी जमानत दी गई थी, जिसमें वह लाहौर की उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे थे।

समाचार पत्र ‘डान’ की खबर के अनुसार, संसद ने शुक्रवार को सांसदों की अयोग्यता को पांच साल तक सीमित करने संबंधी एक विधेयक पारित किया। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से स्वदेश लौटने, आम चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व करने और चौथी बार देश का प्रधानमंत्री बनने की अपील करने के एक दिन बाद हुआ। सीनेट में विधेयक की एक प्रति 16 जून को पेश की गई, जिसमें चुनाव अधिनियम 2017 की धारा-232 (योग्यता व अयोग्यता) में संशोधन का प्रस्ताव शामिल है।

संशोधनों के अनुसार, अगर संविधान में अयोग्यता के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है, तो किसी व्यक्ति के संसद का सदस्य बनने की योग्यता संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत निर्धारित मानदंडों के अनुसार तय की जाएगी। सीनेट ने पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग को चुनाव की तारीख घोषित करने का अधिकार देने वाले संशोधन को भी मंजूरी दी।

वहीं, विपक्ष ने इसे ‘व्यक्ति-विशिष्ट कानून’ और आगामी चुनाव में नवाज शरीफ की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास करार दिया। जमात-ए-इस्लामी के सांसद मुश्ताक अहमद ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 में कोई अस्पष्टता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार योग्यता और अयोग्यता के प्रावधानों को धीरे-धीरे अप्रभावी बनाना चाहती है।

‘जियो न्यूज’ की खबर के मुताबिक, सत्तारूढ़ गठबंधन के सूत्रों ने दावा किया कि सांसदों को संविधान के अनुच्छेद 62 के तहत जीवनभर के लिए अयोग्य घोषित करना उचित नहीं है। सूत्रों ने कहा कि अनुच्छेद 62 में अस्पष्टता थी और संसद ने अब अयोग्यता की अवधि को पांच साल तक सीमित करके इसे हटा दिया है।

दो महीनों में अपील का मौका

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, इस कानून के बाद अब नवाज शरीफ 60 दिनों के भीतर अपनी आजीवन अयोग्यताओं के खिलाफ अपील के अधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। संशोधनों के मुताबिक, अदालत के फैसले के माध्यम से अयोग्य ठहराए गए किसी भी व्यक्ति को फैसले की घोषणा के दिन से अधिकतम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाएगा। अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता पांच साल से अधिक नहीं होगी।