पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इन दिनों हालात अच्छे नहीं है। बढ़ती महंगाई, भारी टैक्स, महंगी बिजली से आम जनता बुरी तरह परेशान हैं। ऐसे में वहां के लोगों ने आजादी की मांग करते हुए बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया है। इसको रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने, लाठी चार्ज करने और धारा 144 लगाने पड़े हैं। विरोध-प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गये हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि शनिवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में जबर्दस्त हड़ताल रही। इस दौरान सभी दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान और स्कूल-कॉलेज बंद रहे और आम जनजीवन प्रभावित रहा। पिछले दो दिनों से सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव चल रहा है।
पाकिस्तान सेना पर निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आरोप
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीओके कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तानी सेना निहत्थे नागरिकों पर गोलीबारी कर रही है और झड़पों में कम से कम दो लोग मारे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा में एक पुलिस एसएचओ की मौत हो गई, जिसे कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों ने पीट-पीटकर मार डाला।
स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा- लगातार बिगड़ रहे हैं हालात
मिर्जा ने भारत सरकार से हस्तक्षेप का आह्वान करते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है और केंद्र “अलग नहीं रह सकता।” उन्होंने कहा, ”स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। यह वास्तव में पहले से ही हाथ से बाहर है। और भारत को अब अपना सारा ध्यान पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर पर केंद्रित करना चाहिए और गिलगित-बाल्टिस्तान सहित इस कब्जे वाले क्षेत्र की आजादी में मदद और सुविधा प्रदान करनी चाहिए।”
प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े
जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के आह्वान पर शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में बंदी और चक्का जाम हड़ताल के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घरों के अंदर रह रहे लोगों में भी दहशत की स्थिति रही। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने मस्जिदों पर भी पथराव किया।
पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में ज्यादा विरोध प्रदर्शन हुए। जेकेजेएसी ने मुजफ्फराबाद और मीरपुर डिवीजनों के विभिन्न हिस्सों में रात भर पुलिस की छापेमारी में अपने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया था। समिति ने हड़ताल का ऐलान पिछले महीने ही कर दिया था। इसमें कहा गया था कि लोग प्रदर्शन करेंगे और 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर लंबा मार्च निकालेंगे।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर भारत में भी चर्चे चल रही हैं। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पीओके को अलग करने के लिए हमें युद्ध नहीं करने पड़ेंगे। वहां के लोग खुद ही हमारे साथ आने के लिए पहल करेंगे। पाकिस्तान के जिस तरह के हालात हैं, उससे पीओके के नागरिक बुरी तरह परेशान हैं और वे अब और नहीं सहन कर सकते हैं।